बेंगलुरु, चार जुलाई (भाषा) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार को अंतरिम राहत देते हुए उनके खिलाफ ‘‘भ्रष्टाचार रेट कार्ड’’ विज्ञापनों को लेकर भाजपा की प्रदेश इकाई द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी।
अदालत ने कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) को भी इसी प्रकार की राहत दी, जो इस मामले में सह-आरोपी है।
मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति एस आर कृष्ण कुमार ने प्रतिवादी को नोटिस जारी किया और 29 जुलाई तक जवाब दाखिल करने को कहा।
मानहानि का यह मामला 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी द्वारा ‘‘भ्रष्टाचार रेट कार्ड’’ शीर्षक से विवादास्पद विज्ञापनों की एक श्रृंखला जारी किए जाने से जुड़ा है।
भाजपा ने आरोप लगाया है कि इन विज्ञापनों के जरिये उस पर सत्ता में रहते हुए भ्रष्टाचार को संस्थागत बनाने का झूठा आरोप लगाया गया है, जिसमें दावा किया गया है कि सरकारी विभागों में नियुक्तियां और तबादले तय ‘‘दरों’’ और ‘‘कमीशन’’ पर होते हैं।
भाजपा के अनुसार, स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित और ऑनलाइन प्रचारित विज्ञापनों ने पार्टी की सार्वजनिक छवि को नुकसान पहुंचाया है। भाजपा ने कांग्रेस के दावों को पूरी तरह से ‘‘मनगढ़ंत और काल्पनिक’’ करार दिया है।
भाषा शफीक माधव
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