ठाणे, छह अगस्त (भाषा) कांग्रेस नेता राहुल गांधी को शनिवार को महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत में पेश होने से छूट मिल गई जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक कार्यकर्ता द्वारा दायर मानहानि मामले का सामना कर रहे हैं।
गांधी के वकील नारायण अय्यर ने उनके लिए पेश होने से छूट के वास्ते आवेदन किया, जिसमें कहा गया कि एक सांसद होने के नाते उपराष्ट्रपति के चुनाव में मतदान करने के लिए उनका दिल्ली में होना जरूरी है।
चूंकि गांधी और शिकायतकर्ता राजेश कुंटे दोनों भिवंडी अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं थे, इसलिए इसने मामले की सुनवाई एक अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी।
गवाहों से जिरह अभी शुरू नहीं हुई है। अदालत को अभी कुंटे का बयान भी दर्ज करना है।
कुंटे की शिकायत में आरोप लगाया गया है कि राहुल गांधी ने छह मार्च 2014 को भिवंडी के पास एक चुनावी रैली में कहा था कि ‘आरएसएस के लोगों ने (महात्मा) गांधी की हत्या की थी।’
शिकायत में कहा गया है कि उन्होंने इस तरह संघ की छवि को नुकसान पहुंचाया।
अधिवक्ता अय्यर ने कहा कि न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) एल. सी. वाडीकर ने शनिवार को राहुल गांधी के उस आवेदन को स्वीकार कर लिया जिसमें उन्होंने पेशी से छूट का आग्रह किया था और स्थायी छूट का आग्रह करने वाला उनका आवेदन अगली सुनवाई में आएगा।
वकीलों के अनुसार, कुंटे को भी शनिवार को पेशी से छूट दे दी गई क्योंकि वह एक दुर्घटना के बाद ठीक से चलने में समर्थ नहीं थे।
निर्वाचित प्रतिनिधियों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए मजिस्ट्रेट वाडीकर की अदालत को एक विशेष अदालत के रूप में नामित किया गया है।
राहुल गांधी ने इससे पहले उच्चतम न्यायालय से मामले को रद्द करने के आग्रह के साथ उच्चतम न्यायालय का रुख किया था।
शीर्ष अदालत ने जुलाई 2016 में राहुल गांधी से कहा था कि उन्हें किसी संगठन की ‘सामूहिक निंदा’ नहीं करनी चाहिए थी, और अगर उन्होंने अपनी टिप्पणी के लिए खेद व्यक्त नहीं किया तो उन्हें मुकदमे का सामना करना पड़ेगा।
कांग्रेस नेता ने सुझाव को मानने से इनकार कर दिया था और मुकदमे का सामना करने की इच्छा व्यक्त की थी।
भाषा नेत्रपाल देवेंद्र
देवेंद्र
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.