तिरुवनंतपुरम/नयी दिल्ली, 14 नवंबर (भाषा) कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि वायनाड लोकसभा सीट के उपचुनाव में मतदान प्रतिशत में गिरावट से पार्टी उम्मीदवार प्रियंका गांधी वाद्रा की जीत के अंतर पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
वायनाड लोकसभा क्षेत्र से प्रियंका गांधी ने पहली बार चुनाव लड़ा था। इस सीट पर बुधवार को उपचुनाव के दौरान लगभग 65 प्रतिशत मतदान हुआ।
यह अप्रैल में हुए आम चुनाव में दर्ज किए गए लगभग 74 प्रतिशत मतदान से कम है, जब उनके भाई एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने इस निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा था।
इस संबंध में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘हमारे प्रारंभिक आकलन के अनुसार, कम मतदान प्रतिशत से प्रियंका जी की जीत के अंतर पर कोई असर नहीं पड़ेगा।’’
उन्होंने दावा किया कि प्रियंका गांधी भारी बहुमत से जीतेंगी। उन्होंने साथ ही कहा कि पार्टी और संयुक्त लोकतंत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) मतदान प्रतिशत में गिरावट के कारणों की पड़ताल करेंगे।
वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘हम मतदान प्रतिशत में गिरावट के कारणों का अध्ययन करने के लिए बूथ एजेंटों के साथ पंचायत स्तर पर बैठक कर रहे हैं।’’
निर्वाचन आयोग द्वारा बुधवार रात लगभग नौ बजे जारी अंतिम मतदान प्रतिशत 64.72 था।
विधानसभा में विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन के अनुसार कम मतदान का कारण मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाम लोकतान्त्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के प्रभाव वाले क्षेत्रों में मतदाताओं में उत्साह की कमी है।
इस बीच, एलडीएफ और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने यूडीएफ के दावे को खारिज कर दिया और कहा कि मतदान में कमी इसलिए आई क्योंकि कांग्रेस और उसके सहयोगियों के प्रभाव वाले क्षेत्रों में लोग वोट देने नहीं आए।
वायनाड लोकसभा क्षेत्र के तहत सात विधानसभा सीट आती हैं, जिनमें वायनाड जिले की मनंतावाडी (सुरक्षित), सुल्तान बथेरी (सुरक्षित) और कलपेट्टा, कोझिकोड जिले की तिरुवमबाडी तथा मलप्पुरम जिले की ईरानद, निलांबुर और वंडूर सीट शामिल हैं।
लोकसभा चुनावों में रायबरेली से जीत के बाद राहुल गांधी के वायनाड सीट खाली करने के कारण इस सीट पर उपचुनाव कराया गया।
वायनाड लोकसभा सीट के उपचुनाव में कुल 16 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई। यूडीएफ उम्मीदवार प्रियंका गांधी को एलडीएफ प्रत्याशी सत्यन मोकेरी और राजग उम्मीदवार नव्या हरिदास ने चुनौती दी।
भाषा देवेंद्र मनीषा
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