देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को कहा कि राज्य में उत्तराखंड सबऑर्डिनेट सर्विस सेलेक्शन कमीशन (UKSSSC) परीक्षा प्रश्नपत्र लीक मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा और जांच के आधार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
सीएम ने कहा कि राज्य में कड़े भ्रष्टाचार-विरोधी कानून के चलते परीक्षाएं सुचारू रूप से संपन्न हो पाईं और 100 से अधिक नकल माफियाओं को गिरफ्तार किया गया है.
धामी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक्सीलेंस अवार्ड समारोह में कहा, “हमने नकल माफिया को सज़ा देने के लिए सबसे सख्त कानून लागू किया है. इसके परिणामस्वरूप पिछले चार साल में सभी परीक्षाएं सफलतापूर्वक संपन्न हुईं और 25,000 उम्मीदवारों को सरकारी नौकरियां मिलीं. 2022-23 में हमने एंटी-चीटिंग कानून लागू किया और तब से अब तक 100 से अधिक नकल माफिया को जेल में डाला गया, लेकिन कुछ लोग हमारे युवाओं के भविष्य को अंधकार में धकेलने का प्रयास कर रहे हैं. हर किसी ने देखा कि एक स्थान पर नकल की शिकायत ने कैसे जल्दी ही अराजकता को जन्म दिया.”
उन्होंने कहा, “अगर परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र लीक हुआ और किसी को इसकी जानकारी थी, तो उनका कर्तव्य था कि वह पुलिस या संबंधित अधिकारियों को सूचित करें. इसके बजाय उन्होंने सोशल मीडिया पर चर्चा की, जिससे उनका असली मकसद सामने आया — परीक्षा प्रणाली की प्रतिष्ठा को बदनाम करना. यह घटना वास्तविक पेपर लीक नहीं, बल्कि प्रक्रिया को बदनाम करने का प्रयास था. हमने एसआईटी गठित करने का फैसला लिया है. एसआईटी की जांच के आधार पर हम सख्त कार्रवाई करेंगे. मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि हमारी सरकार राज्य में सभी नकल माफियाओं सदस्यों को गिरफ्तार और दंडित करेगी.”
उत्तराखंड पुलिस ने UKSSSC परीक्षा प्रश्नपत्र लीक मामले में मुख्य आरोपी खालिद मलिक और उसकी बहन को गिरफ्तार किया है.