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सोमवार, 26 मई, 2025
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काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर केंद्र सरकार के नियमों के तहत हो निर्णय:एबीवीपी

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वाराणसी (उप्र), 20 अप्रैल (भाषा) अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की काशी हिन्दू विश्वविद्यालय इकाई ने संस्थान के हिन्दी विभाग में शोध प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता और शुचिता सुनिश्चित करने की मांग करते हुए कहा है कि आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के आरक्षण के मामले में केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही फैसला लिया जाना चाहिए।

एबीवीपी द्वारा रविवार को यहां जारी एक बयान के मुताबिक, वर्तमान में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में शोध प्रवेश को लेकर दो अभ्यर्थियों द्वारा ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र की वैधता एवं प्रवेश प्रक्रिया की पारदर्शिता पर आपत्ति दर्ज कराई गई है। यह मामला इस समय विश्वविद्यालय की समिति के समक्ष विचाराधीन है।

बयान में आरोप लगाया गया है कि इस प्रकरण में कुछ राजनीतिक दलों और असामाजिक तत्वों द्वारा जांच प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है।

इसमें दावा किया गया है कि एबीवीपी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय इकाई मंत्री भास्करादित्य त्रिपाठी को जानबूझकर निशाना बनाते हुए सोशल मीडिया पर उनके विरुद्ध दुष्प्रचार किया जा रहा है जबकि यह मामला विभागीय लापरवाही और प्रशासनिक चूक का परिणाम है।

बयान में कहा गया है, ”एबीवीपी का स्पष्ट मत है कि विश्वविद्यालय परिसर शिक्षा का केंद्र है, न कि राजनीतिक दलों और विभाजनकारी संगठनों की गतिविधियों को बढ़ावा देने का स्थान। हिन्दी विभाग में हुई अनियमितताओं की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के विरुद्ध त्वरित कार्यवाही की जानी चाहिए।”

साथ ही एबीवीपी ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि परिसर में असामाजिक और शिक्षा विरोधी तत्वों की गतिविधियों पर शीघ्र रोक लगाई जाए ताकि विश्वविद्यालय का शैक्षणिक वातावरण सुरक्षित और सुचारु रूप से संचालित रह सके।

एबीवीपी काशी प्रांत के प्रांत मंत्री अभय प्रताप सिंह ने आरोप लगाया कि हिन्दी विभाग में प्रवेश प्रक्रिया की गड़बड़ियों का लाभ उठाकर राजनीतिक दलों से जुड़े कुछ छात्र संगठन विश्वविद्यालय का वातावरण दूषित करने का प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और एबीवीपी ऐसे अराजक तत्वों के परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाए जाने की भी मांग करती है।

एबीवीपी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय इकाई के अध्यक्ष प्रशांत राय ने कहा कि एबीवीपी के कार्यकर्ता शोध प्रवेश प्रक्रिया की शुचिता सुनिश्चित करने की शुरुआत से ही मांग करते आ रहे हैं और इस प्रकरण में केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार जल्द निर्णय लिया जाना चाहिए ताकि दोनों अभ्यर्थियों का भविष्य सुरक्षित रह सके।

भाषा सलीम नोमान

नोमान

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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