scorecardresearch
Monday, 20 May, 2024
होमदेशनिर्भया मामला: हाईकोर्ट दोषियों की फांसी पर रोक के खिलाफ केंद्र की याचिका पर कल सुनाएगा फैसला

निर्भया मामला: हाईकोर्ट दोषियों की फांसी पर रोक के खिलाफ केंद्र की याचिका पर कल सुनाएगा फैसला

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने शनिवार और रविवार को विशेष सुनवाई के बाद 2 फरवरी को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.

Text Size:

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले में चार दोषियों की फांसी पर रोक को चुनौती देने वाली केंद्र की याचिका पर बुधवार को फैसला सुनाएगा.

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने शनिवार और रविवार को विशेष सुनवाई के बाद 2 फरवरी को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.

गौरतलब है कि केंद्र और दिल्ली सरकार ने निचली अदालत के 31 जनवरी के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसके जरिए मामले में चार दोषियों की फांसी पर ‘अगले आदेश तक’ रोक लगा दी गई थी.

ये चार दोषी- मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31)– तिहाड़ जेल में कैद हैं.

इससे पहले दिन में, निर्भया के माता-पिता ने दिल्ली उच्च न्यायालय से केंद्र की उस याचिका पर जल्द निर्णय का अनुरोध किया, जिसमें दोषियों की फांसी पर रोक को चुनौती दी गयी है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

निर्भया के माता-पिता की ओर से पेश वकील जितेंद्र झा ने बताया कि उन्होंने सरकार की याचिका के जल्द निपटारे के लिए अदालत से अनुरोध किया है.

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने कहा कि जल्द से जल्द इस पर फैसला आएगा.

अदालत ने 31 जनवरी को फांसी की सजा स्थगित कर दी क्योंकि दोषियों के वकील ने अदालत से फांसी पर अमल को ‘अनिश्चित काल’ के लिए स्थगित करने की अपील की और कहा कि उनके कानूनी उपचार के मार्ग अभी बंद नहीं हुए हैं.

मुकेश और विनय की दया याचिका राष्ट्रपति के पास खारिज हो चुकी है जबकि पवन ने यह याचिका अभी नहीं दाखिल की है. अक्षय की दया याचिका एक फरवरी को दाखिल हुई और अभी यह लंबित है.

शीर्ष न्यायालय ने 2017 के अपने फैसले में दिल्ली उच्च न्यायालय और निचली अदालत द्वारा दोषियों को सुनाई गई फांसी की सजा को बरकरार रखा था.

share & View comments