धराली में बाढ़ के बाद मलबे में दबा एक मकान | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट/दिप्रिंट
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धराली: उत्तरकाशी के धराली गांव से सामने आई तस्वीरें 5 अगस्त 2025 को आई बाढ़ की तबाही का मंज़र दिखाती हैं. राहत और पुनर्वास का काम अभी भी जारी है, जबकि कई गांववाले अब तक लापता हैं. स्थानीय प्रशासन लोगों को भोजन और अन्य ज़रूरी सामान मुहैया करा रहा है.
गांव के ज्यादातर लोग सेब की खेती पर निर्भर हैं. हर्षिल और आसपास के इलाके, जिनमें धराली भी शामिल है, सेब उत्पादन के लिए मशहूर हैं. बाढ़ के बाद कई लोगों ने अपने प्रियजन, खेत, घर और होटल खो दिए.
कृषि विभाग उन किसानों की सूची बना रहा है जिनके बाग बर्बाद हो गए, ताकि उन्हें मुआवज़ा दिया जा सके. इन नुकसानों के लिए सटीक मुआवज़े की राशि अभी तय नहीं हुई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर धराली के हर आपदा-पीड़ित परिवार को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है.
पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अन्य आपदा प्रबंधन टीमें मुश्किल हालात के बावजूद राहत कार्य में जुटी हैं.
गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग कई जगहों पर बंद या क्षतिग्रस्त है. मलबा हटाकर आवागमन बहाल करने का काम जारी है.
धराली गांव का नज़ारा, जो 5 अगस्त की बाढ़ से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट/दिप्रिंटउत्तरकाशी के धराली में हाथ जोड़कर प्रार्थना करती एक महिला | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट/दिप्रिंटरेस्क्यू ऑपरेशन के लिए लकड़ी के पुल को पार करते एनडीआरएफ के जवान | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट/दिप्रिंटराहत कार्य के बीच ब्रीफिंग लेते एनडीआरएफ के जवान | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट/दिप्रिंटधराली में आई बाढ़ की तस्वीरें खींचता एनडीआरएफ का एक जवान | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट/दिप्रिंटइलाके के दर्जनों होमस्टे, होटल और घर पूरी तरह तबाह | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट/दिप्रिंटगांववालों के लिए पीठ पर ज़रूरी सामान ढोते पोर्टर | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट/दिप्रिंटस्थानीय प्रशासन गांववालों को कंबल, चप्पल, तौलिए और अन्य ज़रूरी सामान बांट रहा है | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट/दिप्रिंटबाढ़ से फसल गंवाने वाले किसानों को मुआवज़ा देने के लिए सूची बनाता कृषि विभाग | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट/दिप्रिंटधराली के एक निवासी, जिनका घर बाढ़ में बह गया | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट/दिप्रिंटकीचड़ और मलबे में फंसी एक कार | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट/दिप्रिंटरेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे एनडीआरएफ के जवान | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट/दिप्रिंटरेस्क्यू ऑपरेशन देख रहे गांववाले, अपने लापता प्रियजनों के लौटने का इंतज़ार करते हुए | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट/दिप्रिंटमलबे और कीचड़ में दबा एक घर | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट/दिप्रिंटधराली में छत पर खड़ी होकर रेस्क्यू ऑपरेशन देखती एक महिला | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट/दिप्रिंटगांव का आधा हिस्सा मलबे में दब गया है | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट/दिप्रिंटधराली में ड्यूटी पर तैनात एक आईटीबीपी जवान | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट/दिप्रिंटपहाड़ी के ऊपर से पानी के बहाव पर नज़र रखते एनडीआरएफ के जवान | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट/दिप्रिंटसड़क साफ करने में जुटे बीआरओ के कर्मचारी और जेसीबी | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट/दिप्रिंट