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Friday, 22 November, 2024
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ओडिशा रेल हादसे में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़ कर 290 हुई

अस्पताल के अधीक्षक सुधांशु शेखर मिश्रा ने बताया कि रक्ताधान के बाद संक्रमण से बचाने के लिए डॉक्टर्स को तीन दिन पहले, बांये घुटने के ऊपर भी अंग काटना पड़ा.

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नई दिल्ली: ओडिशा के कटक स्थित एससीबी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में बिहार के 17-वर्षीय एक घायल किशोर की शुक्रवार को मौत हो जाने के साथ हालिया रेल हादसे में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़ कर 290 हो गई है.

अधिकारियों ने बताया कि मृतक की पहचान प्रकाश राम के तौर पर की गई है. वो दो जून को शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से यात्रा कर रहा था. ट्रेन बालासोर जिले के बाहानगा बाज़ार स्टेशन के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसके बाद एक सरकारी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था.

अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि प्रकाश को अंदरूनी चोट लगने के अलावा सिर और पैर में भी गंभीर चोटें आई थीं और उसे नाजुक स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

उन्होंने बताया कि डॉक्टर्स को उसका बांया पैर घुटने के नीचे से काट कर हटाना पड़ा, लेकिन पिछले कुछ दिनों में उसकी हालत बिगड़ गई थी.

अस्पताल ने उसकी मौत के बाद स्थानीय पुलिस से संपर्क किया और पोस्टमार्टम के बाद उसका शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा.

अस्पताल के अधीक्षक सुधांशु शेखर मिश्रा ने बताया कि रक्ताधान के बाद संक्रमण से बचाने के लिए डॉक्टर्स को तीन दिन पहले, बांये घुटने के ऊपर भी अंग काटना पड़ा.

उन्होंने कहा, ‘‘मरीज गुरुवार रात तक ठीक था, वे बातचीत भी कर रहा था और खाना भी खा रहा था, लेकिन शुक्रवार सुबह अचानक उसकी मौत हो गई.’’

उन्होंने कहा, ‘‘उसके कई अंगों को चोटें आई थीं. हम (उसकी मौत का) अभी सटीक कारण नहीं बता सकते, हम पड़ताल कर रहे हैं.’’

मंगलवार से अस्पताल में मरने वाला प्रकाश दूसरा व्यक्ति है, जो रेल हादसे में घायल हुआ था. उस दिन एससीबी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में, चोटों के चलते मरने वाला बिजय पासवान नाम का व्यक्ति भी बिहार का रहने वाला था.

इस बीच, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भुवनेश्वर में रखे गए 81 शवों की पहचान होनी अभी बाकी है. इनकी डीएनए रिपोर्ट का इंतज़ार किया जा रहा है. कुल 78 परिवारों ने डीएनए नमूने दिए हैं.

वहीं, इस बीच रेल हादसे में जान गंवाने वालों के लिए स्थानीय लोगों ने सामूहिक मुंडन भी करवाया है.


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