शिमला: हिमाचल प्रदेश लगातार तेज़ मानसून की मार झेल रहा है. इस मौसम में अब तक मौत का आंकड़ा 360 तक पहुंच गया है. इनमें से 197 लोगों की मौत बारिश से जुड़ी घटनाओं में और 163 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई है. यह जानकारी राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) ने दी.
शनिवार सुबह की रिपोर्ट में SDMA ने बताया कि राज्य में 1,001 सड़कें बंद हैं. इनमें तीन नेशनल हाईवे (NH-03, NH-305 और NH-505) भी शामिल हैं. वजह है भूस्खलन, कीचड़ खिसकना और अचानक आई बाढ़. बिजली की आपूर्ति 1,992 डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मरों (DTRs) में बाधित है. वहीं 472 पानी की आपूर्ति योजनाएं भी बंद हैं.
पिछले 24 घंटों में भारी बारिश से कई ज़िलों में नई सड़कें बंद हुईं. सबसे ज़्यादा असर कुल्लू (225), मंडी (205), शिमला (212) और चंबा (166) में दिखा. बिजली आपूर्ति की सबसे बड़ी समस्या कुल्लू (867 DTRs), शिमला (454) और मंडी (308) में रही. पानी की आपूर्ति शिमला (226 योजनाएं), मंडी (78) और कुल्लू (63) में सबसे ज़्यादा बाधित हुई.
SDMA रिपोर्ट में कहा गया कि लगातार बारिश से कई दूरदराज़ और ऊंचाई वाले इलाकों में बहाली का काम रुक गया है. खासकर किन्नौर, लाहौल-स्पीति और ऊपरी शिमला में.
लाहौल-स्पीति के लोसार और बताल के बीच नेशनल हाईवे 505 भारी भूस्खलन के कारण बंद है. कुल्लू और मंडी की कई मुख्य सड़कें बार-बार बंद हो रही हैं.
अधिकारियों ने संवेदनशील क्षेत्रों के निवासियों से सतर्क रहने, अनावश्यक यात्रा से बचने और दिशानिर्देशों का पालन करने का आग्रह किया है. लोक निर्माण विभाग, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड और जल शक्ति विभाग की बहाली टीमें संपर्क और आवश्यक सेवाओं को बहाल करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही हैं. हालांकि, अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अस्थिर ढलानों के कारण और देरी हो सकती है.
यह भी पढ़ें: भारत में ऑनलाइन गेमिंग पर बैन दिखाता है कि आज का फलता-फूलता सेक्टर कल का शिकार बन सकता है