ठाणे, 23 अप्रैल (भाषा) जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में महाराष्ट्र के ठाणे जिले के तीन निवासियों की मौत से उनके मित्र और परिचित गहरे सदमे में हैं और वे अपने दर्द को शब्दों में बयां नहीं कर पा रहे हैं।
मृतकों की पहचान हेमंत जोशी, संजय लेले (44) और अतुल मोने (52) के रूप में हुई है। तीनों ठाणे के डोंबिवली शहर के विभिन्न इलाकों से थे और पहलगाम के प्रमुख पर्यटन स्थल पर हुए इस आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों में शामिल थे।
इस आतंकवादी हमले में कई अन्य लोग घायल भी हुए हैं।
जैसे ही इस भीषण हमले की खबर सामने आई, डोंबिवली में शोक की लहर दौड़ गई। स्थानीय लोगों, कई सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलो के नेताओं ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया।
लेले ठाणे शहर की एक निजी कंपनी में लेखा विभाग में कार्यरत थे। वह डोंबिवली (पश्चिम) के महात्मा फुले रोड स्थित पांडुरंग वाड़ी इलाके में अपने संयुक्त परिवार के साथ रहते थे। इस हमले में उनके बेटे के हाथ में गोली लगने की खबर है।
स्थानीय निवासी लक्ष्मीकांत भोइर ने पत्रकारों से कहा, ‘इस हादसे की खबर से हम सभी स्तब्ध हैं। लेले का परिवार और हम सभी उनके असमय निधन से पूरी तरह टूट चुके हैं।’ लेले और लक्ष्मीकांत एक आध्यात्मिक समूह का हिस्सा थे।
लेले और जोशी, मोने के साथ एक समूह यात्रा के तहत पहलगाम गए थे।
मोने, डोंबिवली (पश्चिम) के ठाकुरवाड़ी क्षेत्र के निवासी थे और मुंबई में इंजीनियर के रूप में कार्यरत थे। वह अपने परिवार के साथ इस यात्रा पर गए थे।
प्रशासन ने मृतकों के परिवारों को त्वरित और समुचित सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर कार्यालय और स्थानीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने लोगों से अनुरोध किया है कि यदि उनके कोई परिचित या रिश्तेदार पहलगाम में हैं, तो वे तत्काल ज़िला प्रशासन से संपर्क करें।
ठाणे कलेक्टर कार्यालय में 24 घंटे चालू रहने वाली एक हेल्प डेस्क और आपात नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है, जिससे कश्मीर में फंसे पर्यटकों को सहायता मिल सके।
स्थानीय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना नेताओं ने शोक संतप्त परिवारों से संपर्क किया है और उन्हें हरसंभव सहायता प्रदान करने का भरोसा दिलाया है।
भाषा राखी वैभव
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