पुणे, 25 अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को कहा कि 10 लाख रुपये जमा नहीं करा पाने के कारण गर्भवती महिला को दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल द्वारा कथित रूप से भर्ती नहीं किए जाने के बाद उसकी मौत की घटना ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में विसंगतियों और असंवेदनशीलता को उजागर किया है।
पवार ने पुणे में राज्य परिवार कल्याण भवन एवं प्रशिक्षण केंद्र के शिलान्यास समारोह और 43 नए ‘आपला दवाखाना’ क्लीनिक के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि राज्य सरकार आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को मजबूत करने के लिए काम कर रही है और ‘इनकार नहीं करने की नीति’ लागू करने की योजना बना रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मरीजों को आपात स्थिति में इलाज से मना न किया जाए।
उपमुख्यमंत्री ने गर्भवती महिला की पिछले महीने हुई मौत को ‘दिल दहला देने वाली घटना’ बताते हुए कहा कि इसने महिला के परिवार को अपूरणीय पीड़ा पहुंचाई है और समाज की अंतरात्मा को गहरा आघात पहुंचाया है।
राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधान परिषद सदस्य अमित गोरखे के निजी सचिव की गर्भवती पत्नी तनीषा भिसे को 10 लाख रुपए जमा नहीं करने पर मार्च के आखिरी सप्ताह में मंगेशकर अस्पताल ने भर्ती करने से कथित रूप ने मना कर दिया था। भिसे की बाद में एक अन्य अस्पताल में जुड़वा बच्चों को जन्म देने के बाद मौत हो गई थी।
पवार ने कहा कि यह घटना सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में विसंगतियों और असंवेदनशीलता को उजागर करती है।
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार ने इस मामले का गंभीरता से संज्ञान लिया है। जांच शुरू कर दी गई है। हमें प्रारंभिक रिपोर्ट मिल चुकी हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’’
उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य सिर्फ जिम्मेदारी तय करना नहीं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मृतक महिला के परिवार को न्याय दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना हमारा कर्तव्य है। हमने इस संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। निजी अस्पतालों के लिए नियम एवं कानून और कड़े किए जाएंगे। हम आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को मजबूत कर रहे हैं और ‘इनकार नहीं करने की नीति’ लागू कर रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मरीजों को आपात स्थिति में इलाज मुहैया कराने से मना न किया जाए।’’
उन्होंने कहा कि सरकार समय पर और प्रभावी उपचार सुनिश्चित करने के लिए ‘हेल्थकेयर रिस्पॉन्स ट्रैकर’ लागू करने की योजना बना रही है।
पवार ने कहा, ‘‘आपात स्थिति में मरीजों की सहायता के लिए एक समर्पित हेल्पलाइन होगी और एक त्वरित प्रतिक्रिया दल होगा।’’
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, चिकित्सा शिक्षा मंत्री और वह खुद मानते हैं कि स्वास्थ्य सेवा सिर्फ एक पेशा नहीं बल्कि एक सेवा और सामाजिक जिम्मेदारी है।
भाषा सिम्मी मनीषा
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