गोंडा (उत्तर प्रदेश) 15 सितंबर (भाषा) गोंडा जिले में एक युवक की पुलिस हिरासत में संदिग्ध हालात में मौत हो जाने के बाद नवाबगंज थाने के प्रभारी निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है और उसके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
इस घटना के खिलाफ बृहस्पतिवार दोपहर लोगों ने गोंडा-अयोध्या राजमार्ग पर शव रखकर प्रदर्शन किया और पुलिस के करीब 10 वाहनों में जमकर तोड़फोड़ की।
पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि हत्या के एक मामले में पूछताछ के लिए थाने लाए गए अनुबंधित बिजली कर्मी देव नारायण यादव उर्फ देवा (22) की बुधवार को पूछताछ के दौरान अचानक तबियत खराब हो गई थी और उसे जिला चिकित्सालय लाया गया, जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया।
उन्होंने बताया कि यादव के परिजन ने हंगामा करते हुए प्रभारी निरीक्षक तेज प्रताप सिंह पर हत्या का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ अभियोग दर्ज कराए जाने की मांग की थी। उनके अनुसार नारायण देव के पिता की तहरीर पर प्रभारी निरीक्षक को निलंबित कर उनके खिलाफ आज सुबह हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
तोमर ने बताया कि इस घटना की खबर मिलने पर पूर्व सपा विधायक बैजनाथ दुबे और रमेश गौतम तथा जिलाध्यक्ष पप्पू यादव की अगुवाई में क्षेत्र के सैकड़ों लोगों तथा बिजली विभाग के कर्मचारियों ने नवाबगंज कस्बे के पास शव रखकर गोंडा-अयोध्या राजमार्ग जाम कर प्रदर्शन किया। वे मुकदमे में नामजद अभियुक्तों की फौरन गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए की सहायता देने की मांग कर रहे थे
पुलिस सूत्रों ने बताया कि जाम खुलवाने पहुंचे पुलिस बल पर आक्रोशित ग्रामीणों ने पथराव किया जिससे पुलिस के करीब 10 वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। सूत्रों के अनुसार इस दौरान किसी मरीज को लेने के लिए उधर से गुजर रही एक एंबुलेंस को भी उग्र लोगों ने पलट दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने कई पुलिस कर्मियों से भी मारपीट की। भीड़ ने पास में एक स्थित एक पेट्रोल पम्प पर भी तोड़फोड की। करीब ढाई घंटे तक मौके पर अराजक स्थिति बनी रही।
इस बीच, जिलाधिकारी उज्जवल कुमार तथा पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने मौके पर पहुंचकर आन्दोलित लोगों को समझाया कि प्रकरण में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है तथा प्रभारी निरीक्षक (नवाबगंज) और एसओजी प्रभारी निलम्बित किए जा चुके हैं। अधिकारियों के समझाने के बाद परिजन शाम करीब चार बजे शव को दाह संस्कार के लिए ले गए।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आन्दोलन के दौरान हिंसा करने वालों के खिलाफ जान से मारने की नीयत से हमला करने तथा कई अन्य गंभीर आरोपों में मुकदमा दर्ज किया है।
क्षेत्र में शांति-व्यवस्था बनाने के लिए नवाबगंज थाने को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। जिले के डेढ़ दर्जन थानों के साथ ही बलरामपुर जिले के पड़ोसी थानों सादुल्ला नगर और रेहरा बाजार की पुलिस को भी यहां पर तैनात किया गया है। देवीपाटन परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक विनोद कुमार सिंह ने भी रात में ही नवाबगंज थाने पहुंचकर घटना की पड़ताल की।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि शव का चिकित्सकों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया है। प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर दर्ज अभियोग की निष्पक्ष विवेचना की जाएगी।
उन्होंने बताया कि इसके साथ ही प्रकरण में लापरवाही बरतने के आरोप में एसओजी प्रभारी अमित यादव को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
हालांकि तोमर ने यह भी बताया कि नगर मजिस्ट्रेट अर्पित गुप्ता द्वारा भरे गए पंचनामा में भी युवक के शरीर पर चोट के कोई प्रत्यक्ष निशान नहीं पाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि नवाबगंज थाना क्षेत्र में पिछली सात सितंबर को एक झोला छाप डॉक्टर की हत्या हुई थी जिसकी जांच के लिए एसओजी को भी लगाया गया था। उनके अनुसार बुधवार को एसओजी ने पूछताछ के लिए देव नारायण यादव उर्फ देवा को थाने बुलवाया था।
तोमर ने बताया कि थाने के प्रभारी निरीक्षक तेज प्रताप सिंह के निर्देश पर युवक के पिता अपने बड़े भाई और ग्राम प्रधान दामाद के साथ उसे लेकर बुधवार को दिन में तीन बजे थाने पहुंचे थे और प्रभारी निरीक्षक को सौंप दिया था। उनके अनुसार बाद में पांच बजे उन्हें बताया गया कि पूछताछ के दौरान देवा की तबियत खराब हो गई थी और उसे जिला चिकित्सालय ले जाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि आरोप है कि परिजनों के शाम को अस्पताल पहुंचने पर युवक वहां नहीं मिला। रात करीब आठ बजे उसे एंबुलेंस से जिला अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया था। इस पर परिजनों ने हंगामा किया था।
इस बीच समाजवादी पार्टी ने इस मामले पर सरकार की तीखी आलोचना की है। पार्टी ने एक ट्वीट में कहा ‘भाजपा सरकार में हिरासत में एक और मौत। गोंडा के नवाबगंज थाने में पुलिस ने देव नारायण यादव नाम के युवक की हिरासत के दौरान पीट-पीटकर की हत्या अत्यंत दुखद।’
सपा ने इसी ट्वीट में कहा ‘आखिर और कितने निर्दोषों की इसी तरह हत्या करेगी योगी सरकार की पुलिस? दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर हो कार्रवाई।’
भाषा सं सलीम राजकुमार
राजकुमार
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