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Saturday, 16 November, 2024
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कुश्ती खिलाड़ियों की शिकायत पर कार्रवाई नहीं, DCW ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने को कहा

दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि 5 दिन बीत गए लेकिन दिल्ली पुलिस कुश्ती खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न की शिकायत पर एफआईआर दर्ज नहीं की. यह गैरकानूनी है.

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नई दिल्ली : दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने बुधवार को महिला कुश्ती खिलाड़ियों के साथ यौन उत्पीड़न मामले में एफआईआर दर्ज करने में नाकाम होने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है.

डीसीडब्ल्यू की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, ‘5 दिन बीत गए लेकिन दिल्ली पुलिस कुश्ती खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न की शिकायत को लेकर एफआईआर दर्ज नहीं की. यह गैरकानूनी है. कानून की आईपीसी की धारा 166 ए (सी) कहती है कि यौन उत्पीड़न को लेकर अगर पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करती, तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी. हमने दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सुझाव भेजे हैं.’

बुधवार को जारी एक बयान में, महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को कई सुझाव दिए हैं. बयान के मुताबिक, ‘आयोग ताजा मामले में दिल्ली पुलिस के एफआईआर दर्ज करने से नाकाम होने की इस बेशर्म और अवैध हरकत से बेहद परेशान है, बावजूद इसके कि शिकायतकर्ताओं (एक नाबालिग शामिल) ने आरोपी शख्स के खिलाफ यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं. आयोग दिल्ली पुलिस को याद दिलाना चाहता है कि इस मामले में तत्काल एफआईआर दर्ज करना और पीड़ितों की सुरक्षा सुनिश्चित करना कानून के अनुसार फर्ज से बंधा है. ऐसा करने में नाकाम रहने पर, दिल्ली पुलिस जानबूझकर न्याय को विफल करने और पीड़ितों की सुरक्षा से समझौता करती मानी जाएगी, जिस वजह से दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.’

बयान में कहा गया है कि महिला कुश्ती खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न के मामले में तत्काल पॉक्सो और आईपीसी की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाए.

बयान में कहा गया है, ‘आरोपी शख्स को तत्काल गिरफ्तार किया जाना चाहिए और मामले की उचित तरीके से जांच होनी चाहिए. पीड़ितों और उनके परिवारों को मिले धमकी भरे कॉल्स को लेकर भी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए.’

आयोग ने यह भी कहा है कि पुलिस अधिकारियों समेत आरोपी लोगों और सरकारी अधिकारी सस्पेंड किए जाने चाहिए.

आयोग ने बयान में कहा है कि, ‘दिल्ली पुलिस के अधिकारियों समेत आरोपियों और खेल मंत्रालय को निलंबित कर दिया जाना चाहिए और उचित जांच होनी चाहिए. पीड़ित और उनके परिवारों को तत्काल उचित सुरक्षा दी जाए. नाबालिग समेत महिला खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न को लेकर पुलिस के एफआईआर दर्ज करने में नाकाम होने पर धारा 166 ए (सी) के तहत संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर फाइल हो.’

आयोग ने पुलिस से मामले को तत्काल देखने और कार्रवाई की रिपोर्ट जल्दी भेजने को कहा है.

बयान के मुताबिक, ‘यह एक गंभीर मसला है इस पर अनुकरणीय कार्रवाई की जाए. कृपया मामले को देखें और कार्रवाई की रिपोर्ट आयोग को उपलब्ध कराई जाए.’


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