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रविवार, 27 अप्रैल, 2025
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दाऊदी बोहरा समुदाय ने वक्फ बोर्ड के दायरे से बाहर रखे जाने की मांग की

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नयी दिल्ली, पांच नवंबर (भाषा) दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रतिनिधियों ने वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति से मंगलवार को आग्रह किया कि उनके समुदाय को किसी भी वक्फ बोर्ड के दायरे से बाहर रखा जाए।

उनका कहना था कि वक्फ संशोधन विधेयक उनके विशेष दर्जे का उल्लेख नहीं करता।

इस समुदाय के प्रतिनिधियों की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष पेश हुए।

समुदाय द्वारा दिए गए एक लिखित आवेदन में कहा गया कि यह एक ‘‘छोटा और मजबूती से जुड़ा हुआ’’ संप्रदाय है।

सूत्रों के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘‘इसके मामलों को उस तरह के विनियमन की आवश्यकता नहीं है जिसे अन्य समुदायों के संबंध में आवश्यक या यहां तक ​​​​कि वांछनीय माना जा सकता है।’’’

उनका कहना था कि यह आवश्यक है कि समुदाय के सदस्यों को उनकी मान्यताओं और आवश्यक धार्मिक प्रथाओं के अनुसार ऐसी संपत्तियों की स्थापना, रखरखाव, प्रबंधन और प्रशासन करने की अनुमति दी जाए।

उन्होंने यह भी कहा कि वक्फ बोर्ड की शक्तियां इस समुदाय के बुनियादी मत को कमजोर करती हैं।

दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रतिनिधियों ने उच्चतम न्यायालय के कई उन फैसलों का हवाला दिया कि जिनमें उनकी ‘‘विशिष्ट संरचना’’ की मान्यता को रेखांकित किया गया है।

साल्वे ने दाऊदी बोहरा की विशिष्ट विशेषताओं के बारे में विस्तार से तर्क दिया। उन्होंने विशेष रूप से इस समुदाय के नेता ‘अल-दाई अल-मुतलक’ को समुदाय से जुड़े मामलों में शक्तियों का उल्लेख किया और कहा कि किसी भी वक्फ बोर्ड को इस समुदाय की संपत्तियों और मामलों में दखल की अनुमति नहीं दी जा सकती।

भाषा हक हक शफीक

शफीक

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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