पुणे, 24 अप्रैल (भाषा) पहलगाम आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों में शामिल पुणे निवासी संतोष जगदाले की बेटी ने खून से सने वही कपड़े पहनकर बृहस्पतिवार को अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया जो उन्होंने हमले के समय पहन रखे थे।
संतोष की अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए और उन्होंने पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए।
पहलगाम में मंगलवार को हुए इस आतंकवादी हमले में जगदाले की बेटी असावरी और उनकी पत्नी बच गईं लेकिन वह और उनके बचपन के दोस्त कौस्तुभ गणबोटे की मौत हो गई। इस आंतकवादी हमले में 26 लोग मारे गए हैं।
जगदाले और गणबोटे के पार्थिव शरीर बृहस्पतिवार सुबह पुणे लाए गए।
पुणे के इन दो निवासियों का अंतिम संस्कार नवी पेठ क्षेत्र के वैकुंठ में विद्युत शवदाह गृह में किया गया। दुख की इस घड़ी में पूरा शहर शोक में डूबा हुआ है। मृतकों के रिश्तेदार और हजारों अन्य लोग अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
मानव संसाधन(ह्यूमन रिसोर्सेज) पेशेवर 26 वर्षीय असावरी ने पिता की अंतिम यात्रा के दौरान अर्थी को कंधा दिया और इस त्रासदीपूर्ण घटना की याद दिलाने के लिए खून से सने वही कपड़े पहने जो उन्होंने हमले के समय पहन रखे थे।
अंतिम यात्रा में शामिल लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की।
इससे पहले, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार ने जगदाले और गणबोटे के घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
उनके परिवारों ने पवार से मुलाकात के दौरान मांग की कि अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।
महाराष्ट्र की मंत्री माधुरी मिसल भी जगदाले के घर गईं।
गणबोटे स्नैक्स का कारोबार करते थे जबकि जगदाले का इंटीरियर डिजाइनिंग का बिजनेस था।
भाषा सिम्मी नरेश
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