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गुरूवार, 26 जून, 2025
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अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त विमान के ब्लैक बॉक्स से डेटा निकाला जा रहा : सरकार

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नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा) सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि 12 जून को अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए एअर इंडिया के विमान के ब्लैक बॉक्स से डेटा निकाला जा रहा है और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर तथा फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर का विश्लेषण किया जा रहा है ताकि दुर्घटना की कड़ियों को जोड़ा जा सके।

सरकार ने इस दुर्घटना में 270 लोगों के मारे जाने के करीब 15 दिन बाद इस घटना की जांच को लेकर जानकारी दी है।

नागर विमानन मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वायुयान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (एएआईबी) ने तुरंत जांच शुरू की और निर्धारित नियमों के अनुसार 13 जून को एएआईबी प्रमुख की अगुवाई में एक बहु-विषयक टीम गठित की।

बयान में कहा गया है कि इस टीम में एक विमानन चिकित्सा विशेषज्ञ, वायु यातायात नियंत्रण (एटीसी) का एक अधिकारी और अमेरिका के राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (एनटीएसबी) के प्रतिनिधि शामिल हैं।

मंत्रालय का यह बयान ऐसे समय आया है जब विपक्षी दल कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को अहमदाबाद विमान दुर्घटना की जांच के लिए कथित तौर पर अब तक मुख्य जांचकर्ता की नियुक्ति नहीं किए जाने को लेकर सरकार पर हमला बोला और कहा कि यह देरी ‘‘अक्षम्य’’ है।

लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरने वाला एअर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान 12 जून को अहमदाबाद में उड़ान भरने के तुरंत बाद एक मेडिकल हॉस्टल परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें विमान में सवार 241 यात्रियों समेत 270 लोगों की मौत हो गयी थी जबकि एक यात्री चमत्कारिक रूप से बच गया था।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘24 जून की शाम को एएआईबी महानिदेशक के नेतृत्व में एएआईबी और एनटीएसबी के तकनीकी सदस्यों के साथ टीम ने डेटा निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी। आगे के ब्लैक बॉक्स से ‘क्रैश प्रोटेक्शन मॉड्यूल’ (सीपीएम) को सुरक्षित रूप से निकाल लिया गया और 25 जून 2025 को ‘मेमोरी मॉड्यूल’ सफलातपूर्वक प्राप्त किया गया तथा इसका डेटा एएआईबी लैब में डाउनलोड किया गया।’’

एएआईबी लैब का इस साल अप्रैल में राष्ट्रीय राजधानी में उद्घाटन किया गया था।

बयान में कहा गया है, ‘‘कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर (सीवीआर) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) का विश्लेषण किया जा रहा है। इन प्रयासों से दुर्घटना की कड़ियां जोड़ने और विमानन सुरक्षा को बढ़ाने व भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अहम कारकों की पहचान करने में मदद मिलेगी।’’

बोइंग 787 विमान में दो ब्लैक बॉक्स होते हैं, जिनमें से प्रत्येक में एक सीवीआर और एक एफडीआर होता है।

मंत्रालय ने इस बात पर भी जोर दिया कि सभी कार्रवाई देश के कानूनों और अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का पूर्ण अनुपालन करते हुए समयबद्ध तरीके से की गई है।

दुर्घटना के एक सप्ताह के भीतर ही सीवीआर और एफडीआर दोनों बरामद कर लिए गए थे। एक को 13 जून को दुर्घटना स्थल पर इमारत की छत से और दूसरे को 16 जून को मलबे से बरामद किया गया।

मंत्रालय ने बताया कि इन उपकरणों को अहमदाबाद में चौबीसों घंटे पुलिस सुरक्षा और सीसीटीवी निगरानी में रखा गया

उसने कहा, ‘‘इसके बाद 24 जून को पूरी सुरक्षा के साथ ब्लैक बॉक्स को भारतीय वायुसेना के विमान द्वारा अहमदाबाद से दिल्ली लाया गया। आगे का ब्लैक बॉक्स 24 जून को दोपहर दो बजे एएआईबी के महानिदेशक के साथ एएआईबी लैब, दिल्ली लाया गया। पीछे का ब्लैक बॉक्स दूसरी एएआईबी टीम द्वारा लाया गया और 24 जून को शाम सवा पांच बजे एएआईबी लैब, दिल्ली लाया गया।’’

जांच के सिलसिले में मंत्रालय ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के अनुसार बहु-विषयक टीम गठित की गयी है।

बयान में कहा गया है, ‘‘टीम में एक विमानन चिकित्सा विशेषज्ञ, एक वायु यातायात नियंत्रण (एटीसी) अधिकारी और राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (एनटीएसबी) के प्रतिनिधि शामिल हैं, जो विनिर्माण और डिजाइन (अमेरिका) की सरकारी जांच एजेंसी है, जो ऐसी जांच के लिए आवश्यक है।’’

जीवीजी युगांधर एएआईबी के महानिदेशक (डीजी) हैं।

इस बीच, केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बहु-विषयक समिति अहमदाबाद में विमान दुर्घटना के कारणों की जांच कर रही है और वह भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए व्यापक दिशा निर्देशों का भी सुझाव देगी।

भाषा

गोला मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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