धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश), दो जुलाई (भाषा) तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने अपने 90वें जन्मदिन से चार दिन पहले बुधवार को कहा कि दलाई लामा की संस्था जारी रहेगी।
इसके साथ ही उन्होंने इस अनिश्चितता को समाप्त कर दिया कि उनके बाद उनका कोई उत्तराधिकारी होगा या नहीं।
गत 21 मई, 2025 को तिब्बती भाषा में दिए गए और बुधवार को धर्मशाला में उनके कार्यालय द्वारा जारी किए गए बयान में दलाई लामा ने कहा कि गादेन फोडरंग ट्रस्ट के पास भावी दलाई लामा को मान्यता देने का एकमात्र अधिकार है।
चौदहवें दलाई लामा – तेनजिन ग्यात्सो, जिन्हें ल्हामा थोंडुप भी कहा जाता है, के 90वें जन्मदिन का जश्न 30 जून को धर्मशाला के पास मैकलॉडगंज के मुख्य मंदिर सुगलागखांग में शुरू हुआ।
बयान में कहा गया, ‘‘मैं पुष्टि करता हूं कि दलाई लामा की संस्था जारी रहेगी और मैं दोहराता हूं कि गादेन फोडरंग ट्रस्ट के पास भावी पुनर्जन्म को मान्यता देने का एकमात्र अधिकार है। इस मामले में किसी और को हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।’’
24 सितंबर, 2011 को तिब्बती आध्यात्मिक परंपराओं के प्रमुखों की एक बैठक के दौरान दलाई लामा ने कहा था, ‘‘मैंने 1969 में ही स्पष्ट कर दिया था कि संबंधित लोगों को यह तय करना चाहिए कि भविष्य में दलाई लामा के पुनर्जन्म को जारी रखा जाना चाहिए या नहीं।’’
उन्होंने कहा था कि जब वह 90 वर्ष के हो जाएंगे, तो वह तिब्बती बौद्ध परंपराओं के उच्च लामाओं, तिब्बती जनता और तिब्बती बौद्ध धर्म का पालन करने वाले अन्य लोगों से परामर्श करेंगे, ताकि यह मूल्यांकन किया जा सके कि दलाई लामा की संस्था को जारी रखा जाना चाहिए या नहीं।
बुधवार को यहां जारी दलाई लामा के बयान में कहा गया, ‘‘मुझे दुनिया के अन्य हिस्सों में रहने वाले तिब्बतियों और तिब्बती बौद्धों से विभिन्न चैनलों के माध्यम से संदेश मिले हैं, जिसमें अनुरोध किया गया है कि दलाई लामा की संस्था को जारी रखा जाना चाहिए। मैं पुष्टि करता हूं कि दलाई लामा की संस्था जारी रहेगी।’’
उन्होंने कहा कि भावी पुनर्जन्म को मान्यता देने की जिम्मेदारी गादेन फोडरंग ट्रस्ट, दलाई लामा कार्यालय के सदस्यों पर है, जिन्हें तिब्बती बौद्ध परंपराओं के विभिन्न प्रमुखों और दलाई लामाओं की वंशावली से अभिन्न रूप से जुड़े और शपथ लेने वाले विश्वसनीय धर्म रक्षकों से परामर्श करना चाहिए। बयान में कहा गया है, ‘‘उन्हें परंपरा के अनुसार खोज और पहचान की प्रक्रिया को पूरा करना चाहिए।’’
भाषा वैभव मनीषा
मनीषा
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