नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को मुंबई में डब्बा ट्रेडिंग और ऑनलाइन सट्टेबाज़ी से जुड़े एक मामले में चार जगहों पर छापेमारी की. यह कार्रवाई बिना रजिस्ट्रेशन वाले फाइनेंशियल प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए की जा रही अवैध ट्रेडिंग और सट्टेबाज़ी की जांच के तहत की गई है.
छापेमारी के दौरान 3.3 करोड़ रुपये नकद, गहने, विदेशी मुद्रा, लग्ज़री वाहन और महंगी घड़ियां ज़ब्त की गईं. सूत्रों ने बताया कि कैश गिनने की मशीनें भी मिली हैं.
डब्बा ट्रेडिंग एक अवैध और अनियंत्रित ट्रेडिंग प्रणाली है जिसमें मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों के बाहर शेयर और अन्य वित्तीय साधनों की ट्रेडिंग की जाती है. इसमें सौदे ऑफिशियल एक्सचेंज पर नहीं बल्कि गैरकानूनी रूप से ‘डब्बा ऑपरेटरों’ के माध्यम से किए जाते हैं और आंतरिक रूप से निपटाए जाते हैं. सेबी (SEBI) इसे गैरकानूनी मानता है.
ईडी फिलहाल जिन डब्बा ट्रेडिंग ऐप्स की जांच कर रही है उनमें VMoney, VM Trading, Standard Trades Ltd, IBull Capital, LotusBook, 11Starss और GameBetLeague शामिल हैं.
एजेंसी के अनुसार, ये ऑनलाइन सट्टेबाज़ी प्लेटफॉर्म व्हाइट-लेबल ऐप्स के ज़रिए चल रहे थे — यानी पहले से बने बेटिंग सॉफ्टवेयर जो तीसरी पार्टी से लिए जाते हैं और प्रोफिट शेयरिंग के आधार पर चलाए जाते हैं.
सूत्रों के मुताबिक, हवाला ऑपरेटर्स और फंड हैंडलर्स की पहचान कर ली गई है और डिजिटल व वित्तीय रिकॉर्ड की जांच की जा रही है.
यह जांच प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के तहत की जा रही है. इसकी शुरुआत 9 जनवरी को इंदौर के लसूड़िया थाने में दर्ज एफआईआर से हुई थी जिसमें धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े की धाराएं लगी थीं.
ईडी की जांच में सामने आया है कि: विशाल अग्निहोत्री, जो VMoney और 11Starss का असली मालिक है, उसने LotusBook बेटिंग प्लेटफॉर्म के एडमिन राइट्स 5% मुनाफे के हिस्से पर लिए थे.
उसने बाद में ये अधिकार धवल देवराज जैन को दे दिए और अपने पास 0.12% हिस्सा रखा था.
धवल जैन और उनके साथी जॉन स्टेट्स उर्फ पांडे ने मिलकर एक व्हाइट-लेबल बेटिंग प्लेटफॉर्म बनाया और 11Starss.in चलाने के लिए विशाल को उपलब्ध कराया. मयूर पाड्या उर्फ पाड्या, जो एक हवाला ऑपरेटर हैं, उसने सट्टेबाज़ी के लिए नकद में फंड ट्रांसफर और पेमेंट्स का जिम्मा संभाला था.
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