scorecardresearch
Wednesday, 26 June, 2024
होमदेशप.बंगाल और बांग्लादेश के बीच रविवार रात को टकराएगा चक्रवात रेमल: आईएमडी

प.बंगाल और बांग्लादेश के बीच रविवार रात को टकराएगा चक्रवात रेमल: आईएमडी

Text Size:

नयी दिल्ली, 24 मई (भाषा) भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को कहा कि बंगाल की खाड़ी में बन रहा चक्रवात रविवार आधी रात को पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप और बांग्लादेश के खेपुपारा के बीच टकराएगा।

यह बंगाल की खाड़ी में इस मॉनसून पूर्व मौसम का पहला चक्रवात है और हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवातों के नामकरण की प्रणाली के अनुसार इसका नाम रेमल रखा जाएगा।

यह चक्रवात शनिवार सुबह तक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो जाएगा और शनिवार रात तक और भी तीव्र होकर एक गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा।

आईएमडी ने कहा, ‘इसके एक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में रविवार आधी रात के करीब सागर द्वीप और खेपुपारा के बीच बांग्लादेश और उससे सटे पश्चिम बंगाल के तटों को पार करने की काफी संभावना है।’

रविवार को चक्रवात के प्रभाव में हवा की गति 120 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है।

मौसम विभाग ने 26-27 मई को पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय जिलों में अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी दी है। पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में 27-28 मई को अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है। तूफान के टकराने के समय पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटीय इलाकों में 1.5 मीटर तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं।

मौसम विभाग के अनुसार समुद्र में मौजूद मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे तट पर लौट जाएं और 27 मई तक बंगाल की खाड़ी में न जाएं।

आईएमडी ने पश्चिम बंगाल के दक्षिण और उत्तर 24 परगना जिलों में बाढ़ आने और कमजोर ढांचों, बिजली और संचार लाइन, कच्ची सड़कों, फसलों और बागों को भारी नुकसान की चेतावनी दी है। प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को घरों के अंदर रहने और कमजोर ढांचों को खाली करने के लिए कहा गया है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन से होने वाली अतिरिक्त गर्मी को महासागरों द्वारा अवशोषित करने के चलते समुद्र की सतह का तापमान बढ़ने से चक्रवाती तूफान तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले 30 वर्षों में समुद्र की सतह का तापमान 1880 में रिकॉर्ड किए जाने के बाद से सबसे अधिक रहा है।

आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डी एस पाई के अनुसार, समुद्र की सतह के तापमान के गर्म होने का मतलब है अधिक नमी, जो चक्रवातों की तीव्रता के लिए अनुकूल है।

केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव माधवन राजीवन ने कहा कि कम दबाव के चक्रवात में तब्दील होने के लिए समुद्र की सतह का तापमान 27 डिग्री सेल्सियस और उससे अधिक होना चाहिए। बंगाल की खाड़ी में समुद्र की सतह का तापमान वर्तमान में लगभग 30 डिग्री सेल्सियस है।

राजीवन ने कहा, ‘बंगाल की खाड़ी और अरब सागर इस समय बहुत गर्म हैं, इसलिए उष्णकटिबंधीय चक्रवात आसानी से बन सकता है।’

हालांकि उष्णकटिबंधीय चक्रवातों को न केवल महासागर नियंत्रित करते हैं, बल्कि वायुमंडल भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

भाषा अमित नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments