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Monday, 17 June, 2024
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चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ के तटीय इलाकों में पहुंचने की प्रक्रिया जारी, बंगाल में एक लाख से अधिक लोग सुरक्षित जगह भेजे गए

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(तस्वीरों के साथ)

कोलकाता, 26 मई (भाषा) चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ के रविवार आधी रात तक बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में पहुंचने के मद्देनजर विभिन्न क्षेत्रों से एक लाख से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया गया है।

मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि रेमल के पहुंचने की प्रक्रिया चार घंटे तक जारी रहेगी और इसका केंद्र रात 8.30 बजे समुद्र तट से लगभग 30 किमी था।

मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘चक्रवात ने बांग्लादेश के मोंगला के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से से होते हुए भारत के पश्चिम बंगाल तट को पार करना शुरू कर दिया।’’ उन्होंने कहा कि यह आसपास के इलाकों में मध्यरात्रि तक पहुंचेगा।

अपराह्न तीन बजे तक पश्चिम बंगाल सरकार ने तटीय और आसपास के क्षेत्रों से लगभग 1.10 लाख लोगों को निकाल लिया था और उन्हें आश्रय गृहों, स्कूलों और कॉलेजों जैसे सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया।

अधिकारी ने बताया, ‘‘तटीय क्षेत्रों से 1.10 लाख लोगों को सुरक्षित आश्रयों में स्थानांतरित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। इन लोगों में से एक बड़ी संख्या दक्षिण 24 परगना जिले, विशेष रूप से सागर द्वीप, सुंदरबन और काकद्वीप से है।’’

राज्य के मंत्री अखिल गिरी ने कहा, ‘‘पूर्व में चक्रवात अम्फान और चक्रवात यास से निपटने में हमारे अनुभव का अच्छा उपयोग किया जाएगा।’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ से निपटने को लेकर की गई तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने गृह मंत्रालय से स्थिति की निगरानी करने और चक्रवात के आने के बाद समीक्षा करने तथा सेवाओं की बहाली के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए कहा है।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस ने कहा कि वह स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं और चक्रवात से निपटने को लेकर समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए राज्य और केंद्रीय विशेषज्ञों के साथ लगातार संपर्क में हैं।

बोस ने बंगाल के तटीय क्षेत्रों में निवासियों के लिए सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया और उनसे चक्रवात के मद्देनजर मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन करने का आग्रह किया।

चक्रवात के कारण पहले ही दीघा, काकद्वीप और जयनगर जैसे इलाकों में हल्की बारिश के साथ हवाएं चल रही हैं, जिसके सोमवार को और तेज होने की संभावना है।

कोलकाता में मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वी क्षेत्र के प्रमुख सोमनाथ दत्ता ने कहा कि दक्षिण बंगाल के कई जिलों में 45 से 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी, जिससे कोलकाता, हावड़ा, हुगली और पूर्व मेदिनीपुर प्रभावित होंगे।

दत्ता ने यहां संवाददाताओं से बातचीत के दौरान चेतावनी दी कि सोमवार सुबह तक पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में हवा की गति 100-120 किमी प्रति घंटा से लेकर 135 किमी प्रति घंटा तक पहुंच सकती है। दत्ता ने कहा, ‘‘रेमल नुकसान पहुंचाएगा, लेकिन इसके 2020 में आए चक्रवात ‘अम्फान’ के मुकाबले कम विनाशकारी रहने की संभावना है।’’

मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल के दक्षिण और उत्तर 24 परगना जिलों में कमजोर इमारतों, बिजली और संचार की लाइन, कच्ची सड़कों, फसलों और बगीचों को बड़ी क्षति पहुंचने की चेतावनी दी है। प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को घर के अंदर रहने और कमजोर इमारतों से दूर रहने की सलाह दी गई है।

चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ 2020 में 20 मई को सागर द्वीप पर पहुंचा था। कोलकाता, दक्षिण और उत्तर 24 परगना, हावड़ा और नादिया में इससे काफी नुकसान पहुंचा था।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 14 टीम को कोलकाता, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, हावड़ा और हुगली सहित दक्षिण बंगाल के जिलों में तैनात किया गया है। राज्य सरकार ने राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीम भी तैयार रखी हैं।

चक्रवात को देखते हुए पूर्वी और दक्षिण पूर्वी रेलवे ने एहतियात के तौर पर दक्षिण और उत्तर 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिले के तटीय जिलों में कई ट्रेन सेवाएं रद्द कर दी हैं।

कोलकाता हवाई अड्डे के अधिकारियों ने चक्रवात ‘रेमल’ के संभावित प्रभाव के कारण रविवार दोपहर से 21 घंटे के लिए उड़ान संचालन निलंबित करने का फैसला किया।

भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) के एक प्रवक्ता ने कहा कि उड़ान निलंबन अवधि के दौरान अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों क्षेत्रों में आने-जाने वाली कुल 394 उड़ानों का हवाई अड्डे से संचालन नहीं होगा।

भारतीय तट रक्षक बल (आईसीजी) के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए हैं कि समुद्र में जान-माल का कोई नुकसान न हो।

यह मानसून से पहले के मौसम में बंगाल की खाड़ी में आने वाला पहला चक्रवात है।

इस बीच, एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि आधी रात के आसपास पश्चिम बंगाल में भीषण चक्रवात ‘रेमल’ के पहुंचने के मद्देनजर राज्यपाल आनंद बोस ने रात भर जागकर स्थिति पर नजर रखने का फैसला किया है।

अधिकारी ने कहा कि राज्यपाल ने सुरक्षित आवास या किसी अन्य प्रकार की सहायता की जरूरत की स्थिति जनता के लिए राजभवन के दरवाजे खोलने की घोषणा की है। बयान में कहा गया है कि बोस ने इस कठिन घड़ी में आम जनता को सहायता प्रदान करने के लिए एक मेडिकल टास्क फोर्स का भी गठन किया है।

भाषा आशीष प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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