नोएडा (उप्र), 28 अगस्त (भाषा) साइबर अपराधियों ने सीबीआई और मुंबई पुलिस अधिकारी बनकर सोशल मीडिया के माध्यम से सेना के एक सेवानिवृत्त मेजर जनरल से कथित रूप से दो करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया। पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के मुताबिक, सेना के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी को उनके नाम से मादक पदार्थ समेत अन्य अवैध वस्तुएं विदेश भेजे जाने का उल्लेख कर जेल का डर दिखा ठगी की गई। इस मामले में पुलिस ने मंगलवार को संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है।
साइबर अपराध थाने के प्रभारी निरीक्षक विजय कुमार गौतम ने बताया कि सेक्टर 31 में रहने वाले मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) एन के धीर ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 10 अगस्त को उन्हें एक फोन आया और फोन करने वाले ने खुद को डीएचएल कोरियर सेवा का कर्मी बताया।
शिकायत के मुताबिक, उसने धीर से कहा कि उनके नाम से मुंबई से ताइवान एक पार्सल बुक हुआ है जिसे सीमा शुल्क विभाग, मुंबई ने खोला तो उसमें पांच पासपोर्ट, पांच बैंक के क्रेडिट कार्ड, कपड़े, 200 ग्राम एमडीएमए (मादक पदार्थ )और एक लैपटॉप है और यह अवैध सामान है।
पुलिस ने शिकायत के हवाले से बताया कि आरोपी ने उनकी (धीर की) कथित मुंबई अपराध शाखा के पुलिस के अधिकारी से बात करवाई जिसने अपना पहचान पत्र और फोटो भी व्हाट्सएप पर भेजा।
गौतम ने शिकायत के हवाले से बताया कि सारी बातें सोशल मीडिया मंच ‘व्हाट्सऐप’ पर हुई, और ठगों ने सीबीआई का एक पत्र भी भेजा, जिसमें साफ-साफ लिखा था कि उन्हें जेल जाने से बचना है तो किसी के साथ कोई भी जानकारी साझा नहीं करनी है।
निरीक्षक ने बताया कि ठगों ने सेवानिवृत्त मेजर जनरल से उनके पास मौजूद सारी रकम एक बैंक खाते में स्थानांतरित करने को कहा, जिस पर उन्होंने 14 अगस्त को संबंधित खाते में रकम स्थानांतरित कर दी।
पीड़ित के अनुसार आरोपियों के पास उनकी वित्तीय स्थिति से जुड़ी पूरी जानकारी थी।
भाषा सं. नोमान पवनेश
पवनेश
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