नई दिल्ली: इजरायल दूतावास के पास मंगलवार को हुए ‘कम तीव्रता वाले धमाके’ का कारण संभवत: एक “क्रूड बम” हो सकता है. दिप्रिंट को जानकारी मिली है.
जबकि दिल्ली पुलिस ने कहा था कि “प्रथम दृष्टया” विस्फोट स्थल के पास कोई अवशेष नहीं मिले था, प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि वास्तव में वहां “रासायनिक विस्फोट” हुआ था.
सूत्रों ने कहा कि उन्होंने साइट से “छर्रे और बॉल बेयरिंग” बरामद किए हैं, जिनका इस्तेमाल आमतौर पर कीलों, धातु के टुकड़ों और छर्रों के साथ कच्चे बमों में किया जाता है.
एक सूत्र ने कहा, “विस्फोट स्थल की दीवार पर भी प्रभाव के निशान दिखे. धुआं भी था. फोरेंसिक विश्लेषण से इसकी जानकारी सामने आ पाएगी. यह पटाखे जैसी कोई छोटी चीज़ नहीं थी.”
क्रूड बम इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) की तुलना में कम परिष्कृत होते हैं, जिनमें आमतौर पर आरडीएक्स होता है और इनका प्रभाव अधिक होता है. वे अक्सर “सुतली बम” (पटाखे) जैसे लगते हैं और ज्यादातर प्रभाव पर काम करते हैं और उनमें कोई टाइमर या डेटोनेटर नहीं होता है.
क्रूड बम को पैकेट से लेकर डिब्बे तक किसी भी चीज़ में छुपाया जा सकता है. हालांकि, कच्चे बमों में प्रभाव को कम करने के लिए कम मात्रा में सैन्य-ग्रेड और उच्च-स्तरीय विस्फोटक भी हो सकते हैं. इन्हें बनाने के लिए ज्यादा कौशल की आवश्यकता नहीं होती है.
इजरायल दूतावास के पास विस्फोट की सूचना मंगलवार शाम करीब 5.53 बजे मिली, जिसके बाद दिल्ली पुलिस, स्पेशल सेल, अग्निशमन विभाग, बम निरोधक दस्ता और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) जांच के लिए मौके पर पहुंचे.
दिप्रिंट ने पहले रिपोर्ट की थी कि विस्फोट स्थल के पास इजरायल के राजदूत को संबोधित एक “अपमानजनक” पत्र मिला था और एक अल्पज्ञात संगठन “सर अल्लाह रेजिस्टेंस” ने हमले का दावा किया था.
दिल्ली पुलिस अब “मुख्य संदिग्ध” की तलाश कर रही है, जिसे जामिया नगर से पृथ्वीराज रोड की ओर जाते हुए एक ऑटोरिक्शा में देखा गया था. हालांकि, सूत्रों ने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि वो धमाके में शामिल था या नहीं. उन्होंने बताया कि कुछ लोगों से पूछताछ की गई है और उन्हें बरी कर दिया गया है.
एनएसजी ने गृह मंत्रालय को प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी है. ऐसे मामलों में, एनएसजी विस्फोट स्थल की खोज करने और गवाहों से बात करने के बाद विस्फोट के बाद की विश्लेषण रिपोर्ट तैयार करती है. टीम विस्फोटक-डिटेक्टर किट की मदद से साइट से नमूने इकट्ठा करती है. हालांकि, यह केवल जांच में सहायता के लिए है न कि साक्ष्य के उद्देश्य से.
फोरेंसिक टीमों ने भी घटनास्थल का दौरा किया है और नमूने एकत्र किए गए हैं. इन सभी नमूनों को आगे के विश्लेषण के लिए फोरेंसिक लैब में भेजा जाएगा. इस बीच विस्फोट की सूचना मिलने के तीन दिन बाद भी दिल्ली पुलिस ने अभी तक मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की है.
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2021 केस से समानताएं
मंगलवार की घटना 2021 के मामले के समान है, जहां इज़रायल दूतावास से लगभग 100 मीटर की दूरी पर एक देशी बम विस्फोट हुआ था. उस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ.
दिल्ली पुलिस ने 24 घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज की थी और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कुछ दिनों के भीतर जांच अपने हाथ में ले ली थी.
2021 के मामले में इजरायल के राजदूत को संबोधित एक पत्र भी मिला था, जिसमें दावा किया गया था कि यह विस्फोट “ईरानी शहीद कासिम सुलेमानी और डॉ. मोहसिन फखरीजादेह” की मौत का बदला था.
2021 के मामले में दो संदिग्ध — नकाबपोश पुरुष — को एक ऑटोरिक्शा में जामिया नगर जाते देखा गया था. उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कारगिल से चार छात्रों को गिरफ्तार किया था, लेकिन अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर सका, जिसके बाद उन्हें अदालत ने रिहा कर दिया.
(संपादन : फाल्गुनी शर्मा)
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