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मंगलवार, 6 मई, 2025
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सीआरपीएफ ने सबसे पहले पहुंचने वाले पहलगाम यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर से रिपोर्ट तलब की

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नयी दिल्ली, छह मई (भाषा) केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने 22 अप्रैल को बैसरन पर्यटक स्थल पर हुए आतंकवादी हमलों के दिन त्वरित कार्रवाई दल के कमांडो के साथ सबसे पहले घटनास्थल पहुंचने वाले पहलगाम यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर से विस्तृत ब्योरा मांगा है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

सूत्रों ने बताया कि सीआरपीएफ के महानिदेशक जी. पी. सिंह ने छत्तीसगढ़ से वीडियो कॉन्फ्रेंस की, जिसमें कमांडिंग ऑफिसर राजेश कुमार और 116वीं बटालियन के अन्य अधिकारी, अन्य कंपनी कमांडर तथा वरिष्ठ एवं कनिष्ठ रैंक के अधिकारी शामिल हुए।

अधिकारियों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि महानिदेशक ने कश्मीर जोन के महानिरीक्षक को निर्देश दिया कि वे कमांडिंग ऑफिसर से मिनट-दर-मिनट का विवरण मांगें कि आतंकवादी हमला कैसे हुआ और क्या यूनिट की ओर से कोई चूक हुई थी।

सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि कमांडिंग ऑफिसर और उनकी त्वरित कार्रवाई टीम ने मौके पर ‘बहुत ही साहस’ का परिचय दिया और अपराह्न करीब 2.30 बजे मौके पर पहुंचे।

अधिकारियों के अनुसार, यूनिट को टट्टूवालों ने जब आतंकवादियों द्वारा हत्या किये जाने की घटना की जानकारी दी तब सुरक्षाकर्मी खड़ी चढ़ाई के बावजूद 40-45 मिनट में बैसरन पहुंच गये थे।

उन्होंने कहा कि इस साहस का परिचय देने के लिए यूनिट की प्रशंसा करने के बजाय उनकी ‘खिंचाई’ किये जाने से उन सुरक्षाकर्मियों और कमांडिंग ऑफिसर का ‘‘मनोबल गिरेगा’’, जिन्होंने घटनास्थल पर वास्तविक खतरे को जाने बगैर त्वरित कार्रवाई की।

दिल्ली में सीआरपीएफ मुख्यालय के अधिकारियों ने कहा कि महानिदेशक ने यूनिट के त्वरित कदम उठाने की सराहना की है।

उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि ‘सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की प्राथमिक जिम्मेदारी लोगों को सुरक्षित रखना है।’

सीआरपीएफ अधिकारियों ने बताया कि बल को केंद्र शासित प्रदेश और उसकी पुलिस की ‘‘सहायता’ के लिए तैनात किया गया है और इसलिए वह अपने आप काम नहीं कर सकता।

उन्होंने कहा कि यूनिट को जम्मू-कश्मीर पुलिस के निर्देश पर तैनात किया जाता है और सीआरपीएफ को उस दिन बैसरन इलाके की सुरक्षा का जिम्मा नहीं सौंपा गया था।

सूत्रों के अनुसार महानिदेशक ने यह भी ‘स्पष्ट किया कि सीआरपीएफ को जम्मू-कश्मीर में स्वतंत्र अभियान चलाना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिस इलाके में वे तैनात हैं, वह सुरक्षित रहे।’

मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बल प्रमुख ने कुछ सवाल पूछे ताकि आगे से ‘चीजें सुधरें’।

‘पीटीआई-भाषा’ से सबसे पहले बात करने वाले अधिकारियों के अनुसार, 116वीं सीआरपीएफ बटालियन का डेल्टा कंपनी बेस बैसरन मैदानी इलाके से सिर्फ छह किलोमीटर नीचे स्थित है।

भाषा सुरेश रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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