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Friday, 22 November, 2024
होमदेशअर्थजगतसंशोधित गैस प्राइसिंग गाइडलाइंस से CNG, घरेलू PNG की कीमतें 9-11% हो सकती हैं कम : Crisil report

संशोधित गैस प्राइसिंग गाइडलाइंस से CNG, घरेलू PNG की कीमतें 9-11% हो सकती हैं कम : Crisil report

रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि पिछली मूल्य तय करने की व्यवस्था जारी रहती तो कीमतों में वृद्धि होने की संभावना थी.

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नई दिल्ली : सरकार द्वारा किरीट पारिख समिति की प्रमुख सिफारिशों स्वीकार कर लिए जाने पर शहर के गैस वितरक गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाली कम्प्रेस्ड नेचुलर गैस (सीएनजी) और पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) की कीमतें 9-11 प्रतिशत घटा सकते हैं, क्रिसिल रेटिंग्स (Crisil Ratings) रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है.

इसमें कहा गया है कि यदि पिछली मूल्य तय करने की व्यवस्था जारी रहती तो कीमतों में वृद्धि होने की संभावना थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस प्रकार मांग बढ़ाने और बड़े पैमाने पर कैपेक्स योजनाओं को सपोर्ट करने से गैस प्राइसिंग के मानदंड शहर के वितरकों को गैस की कीमतों और वैकल्पिक ईंधन के साथ निरंतर कंपिटिशन करने में ज्यादा स्थिरता प्रदान करेंगे.’

बृहस्पतिवार को केंद्रीय कैबिनेट ने तेल और प्राकृतिक गैस निगम के नामित क्षेत्रों से उत्पादित गैस, ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल), न्यू एक्सप्लोरेशन लाइसेंसिंग पॉलिसी (एनईएलपी) ब्लॉक्स और प्री एनईएलपी ब्लॉक्स को लेकर संशोधित नेचुरल गैस प्राइसिंग गाइडलाइंस को मंजूरी दे दी है.

इस तरह की नेचुरल गैस की कीमत इंडियन क्रूड बास्केट के मासिक औसत का 10 प्रतिशत होगी और इसे मासिक आधार पर नोटिफाई किया जाएगा.

सिटी गैस वितरकों को राहत देने के लिए अब, पिछले महीने के औसत कच्चे तेल की 78 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर आधारित कीमत, गैस के लिए USD 6.5/mmBtu (मीट्रिक मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट) अधिकतम कीमत लागू हो जाएगी.

क्रिसिल रेटिंग्स (CRISIL Ratings) के एसेसिएट डायरेक्टर जॉन गोंजाल्विस ने कहा कि एपीएम (एडमिनिस्टर्ड प्राइस मैकेनिज्म) के साथ कीमतें अब कच्चे तेल के लिए बेंचमार्क की गई हैं, यह वैकल्पिक ईंधन जैसे कि पेट्रोल, डीजल और लिक्विफाइड नेचुरल गैस (एलएनजी) के साथ सीएनजी और रेजिडेंशियल पीएनजी की निरंतर प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करेगा.

गोंजाल्विस ने कहा कि यह (मूल्य निर्धारण तंत्र में बदलाव) सिटी गैस को अपनाने में तेजी ला सकता है और इसे बनाए रख सकता है और उन वितरकों मदद कर सकता है जिन्होंने अगले 4-5 वित्तीय वर्ष में 90,000 करोड़ रुपये के कैपेक्स की योजना बनाई है.


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