कानपुर: कानपुर में शुक्रवार को हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके साथियों के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए सीओ (सर्किल ऑफिसर) देवेंद्र मिश्रा का एक पत्र वायरल हो रहा है जिसमें चौबेपुर थाने के एसओ विनय तिवारी और विकास दुबे की सांठ-गांठ का जिक्र है. उस समय के एसएसपी को यह शिकायती पत्र मार्च में लिखा गया था.
हालांकि यूपी पुलिस के आला अधिकारी इस पत्र की पुष्टि नहीं कर रहे हैं लेकिन आईजी कानपुर रेंज मोहित अग्रवाल ने कहा है कि उन्हें मीडिया के माध्यम से ही पत्र की जानकारी हुई है. इस पर एसएसपी दफ्तर से फाइल मंगवाई है. इसके बाद कार्रवाई करेंगे.
सीओ देवेंद्र मिश्रा ने चिट्ठी कानपुर के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अनंत देव को लिखी थी. इसमें कहा गया, ’13 मार्च को विकास दुबे के खिलाफ एक केस दर्ज हुआ था जिसमें विवेचना करने वाले अधिकारी ने धारा बदल दी थी. धारा बदलने के बारे में पूछने पर विवेचक ने बताया कि थानाध्यक्ष के कहने पर धारा हटाई गई है.’
यह भी पढ़ें: विकास दुबे के साथी दयाशंकर का खुलासा-थाने से फोन करके दी गई पुलिस के आने की सूचना, बाहर से बुलाए गए बदमाश
इस पत्र में सीओ ने ये भी कहा है कि ऐसे दबंग कुख्यात अपराधी के खिलाफ थानाध्यक्ष (एसओ) द्वारा कार्रवाई नहीं करना और सहानुभूति जताना संदिग्ध है. यदि थानाध्यक्ष ने अपनी कार्यप्रणाली में बदलाव नहीं किया तो गंभीर घटना हो सकती है.
नेताओं का मिला संरक्षण
विकास दुबे के दो वीडियो वायरल हो रहे हैं. पहला विडियो 2006 का बताया जा रहा है जिसमें हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे कहता है कि उसको राजनीति में लाने का श्रेय पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हरिकिशन श्रीवास्तव का है, वह उनके राजनीतिक गुरू हैं. बता दें कि हरिकिशन श्रीवास्तव जनता पार्टी, जनता दल और बीएसपी से विधायक रहे चुके हैं.
वहीं दूसरा वीडियो 2017 का है जिसमें विकास से एक हत्या के संबंध में पूछताछ की जा रही है. इसमें वह बताता है कि उसका नाम फर्जी तरीके से लाया गया था जिसे हटवाने में बीजेपी विधायक भगवती प्रसाद सागर और अभिजीत सांगा समेत कई नेताओं ने मदद की थी.
बीजेपी विधायकों ने किया विकास से संबंध होने से इंकार
भाजपा के दोनों विधायक अभिजीत सिंह सांगा और भगवती प्रसाद सागर ने विकास दुबे के साथ किसी भी तरह के संबंध होने से इंकार कर दिया है. मीडिया से बातचीत में कानपुर की बिठूर सीट से विधायक विधायक अभिजीत सांगा ने कहा कि उनका तो कभी भी उससे संबंध नहीं रहा है और न ही वह उससे कभी मिले हैं. सांगा के मुताबिक, विकास दुबे अपराधी है और नेताओं से संबंध की सभी बातें झूठी हैं.
वहीं कानपुर की बिल्हौर विधानसभा क्षेत्र से विधायक भगवती प्रसाद सागर ने कहा है कि विकास का जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं. विकास ने 2017 के चुनाव में उनका नहीं बसपा प्रत्याशी का समर्थन किया था. वह इतना शातिर है कि खुद को बचाने के लिए किसी का भी नाम ले सकता है.
शक के आधार पर किए गए थे एसओ सस्पेंड
बता दें कि इस पत्र में देवेंद्र ने जिस एसओ विनय तिवारी का जिक्र किया है उन्हें बीते शनिवार को मुखबिरी के शक में सस्पेंड किया गया है. फिलहाल वह हिरासत में हैं और उनसे पूछताछ चल रही है. रविवार को पकड़े गए विकास दुबे के साथ रहने वाले दयाशंकर उर्फ ‘कल्लू’ ने भी मीडिया से बातचीत में ये बात कबूल की थी कि मुठभेड़ से कुछ देर पहले थाने से फोन आया था जिसके बाद विकास दुबे ने पूरा ये प्लान बनाया है.
यह भी पढ़ें: काम के घंटे हुए कम, तनाव बढ़ा, कमाई में हुई कमी: संयुक्त राष्ट्र ने सर्वे में बताया कोविड ने महिलाओं पर कैसे असर डाला
84 घंटे से अधिक बीता, नहीं पकड़ा गया विकास दुबे
कानपुर के बिकरू गांव में हुई इस घटना को 84 घंटे से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन विकास दुबे अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है. विकास की पहचान बताने वाले को यूपी पुलिस की ओर से 2.5 लाख का इनाम रखा जाएगा.
भाजपा विधायक सांगा और सागर को तत्काल गिरफ़्तार कर इनसे पूछताछ की जाए, इनका CDR निकाल इस बात कि पुष्टि की जाए कि ये विकास दुबे के सम्पर्क में थे या नहीं। ये बेहद गम्भीर आरोप है, विधायक हत्यारों की मदद करें और मुख्यमंत्री प्रदेश को अपराध मुक्त करने की बातें? pic.twitter.com/wQ4vL0vCHb
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) July 6, 2020