scorecardresearch
Thursday, 2 January, 2025
होमदेशअपराध‘10 साल में तीन गुनी हुई संपत्ति’, 13,000 करोड़ के ड्रग जब्ती मामले के केंद्र में 2 भाई और दिल्ली का एक गांव

‘10 साल में तीन गुनी हुई संपत्ति’, 13,000 करोड़ के ड्रग जब्ती मामले के केंद्र में 2 भाई और दिल्ली का एक गांव

दिल्ली में अब तक की सबसे बड़ी ड्रग जब्ती के सिलसिले में दिसंबर में बैसोया के छोटे भाई रविंदर को गिरफ्तार किया गया. उसका बड़ा भाई और संदिग्ध मास्टरमाइंड वीरेंद्र फरार है.

Text Size:

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी 1,289 किलोग्राम कोकीन बरामदगी में पहली गिरफ्तारी की खबर आने के बाद वीरेंद्र बैसोया ने अपने एक सहयोगी को तुरंत संदेश भेजा, “भागो… अभी भागो. तुषार पकड़ा गया है.”

अक्टूबर में जब्त हुई इस बड़ी मात्रा में ड्रग की खेप के केंद्र में बैसोया बंधु — वीरेंद्र उर्फ ​​वीरू और रविंदर हैं.

दिल्ली के प्रसिद्ध सरोजिनी नगर बाज़ार के पीछे पीलंजी गांव के बीचों-बीच एक घर में, जिसमें फिजूलखर्ची की झलक दिखाई पड़ती है, वीरेंद्र और रविंदर की 65 वर्षीय मां का कहना है कि उनके बेटों को “फंसाया” गया है.

13,000 करोड़ रुपये के ड्रग मामले में अब तक कम से कम 14 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें भारत भर में वितरित किए जाने वाले समुद्री मार्ग से कोलंबियाई कोकीन की तस्करी शामिल है.

दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) प्रमोद कुशवाह और उप आयुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) अमित कौशिक के नेतृत्व में मामले में दिसंबर में गिरफ्तार किया गया छोटा भाई रविंदर, नवीनतम गिरफ्तारी थी. इस बीच, वीरेंद्र, जिसके खिलाफ गैर-ज़मानती वारंट जारी किया गया है, फरार है.

जांचकर्ताओं ने दिप्रिंट को बताया कि भारत-दुबई-यूके लिंक होने के साथ-साथ वो इस मामले का मास्टरमाइंड भी था. सूत्रों ने यह भी कहा कि वह सभी प्रमुख संदिग्धों से जुड़ा हुआ था.

उन्होंने कहा, “वो मुख्य खिलाड़ियों — जितेंद्र पाल सिंह उर्फ जस्सी, जिसे वीरेंद्र ने तुषार की गिरफ्तारी के बाद मैसेज किया था; जैक्सन फर्नांडिस, तुषार गोयल और दुबई और यूके में अन्य लोगों के साथ सीधे संपर्क में था.”

पुलिस के एक सूत्र ने दिप्रिंट को बताया, “उसने तुषार गोयल को दिल्ली से डिलीवरी का काम सौंपा था और वो सोशल मीडिया ऐप के ज़रिए लगातार उनके संपर्क में था. उसने दूसरों को रसद और कोकीन की आवाजाही का काम भी सौंपा था.”

दिल्ली पुलिस के अनुसार, वीरेंद्र अपनी पत्नी के साथ दुबई में है.

दिल्ली के गांव पर फोकस

बैसोया बंधु दिल्ली से हैं और दोनों का परवरिश पीलंजी गांव में हुई, जो 1,100 साल से भी पुराना माना जाता है. मुख्य रूप से गुज्जरों द्वारा बसाए गए इस गांव में कई लोग बैसोया सरनेम रखते हैं.

55-वर्षीय निवासी ने नाम न बताने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया, “यहां सभी रिश्तेदार हैं, हम सभी बैसोया हैं. वीरेंद्र और रविंदर के पिता की कई साल पहले मृत्यु हो गई थी और उनके सबसे बड़े (भाई) की भी मृत्यु हो गई थी.”

बैसोया बंधुओं के घर पर ऊंचे और भूरे रंग के ग्रिल गेट लगे हैं, इसके भूरे और सफेद रंग के अंदरूनी हिस्से बाहरी हिस्से से बिल्कुल अलग हैं. अंदर, उनकी मां, जिन्होंने नाम नहीं बताने का अनुरोध किया, दृढ़ता से कहती हैं कि उनके बेटों को तुषार गोयल ने फंसाया है.

उनकी मां ने कहा, “वीरेंद्र ठेकेदारी का काम करता है. उसे हाल ही में जम्मू में एक अस्पताल के लिए टेंडर मिला था. रविंदर के पास ऐसा कोई काम नहीं था, हमारे पास किराए पर संपत्तियां हैं. वो इतना पढ़ा-लिखा नहीं है. वीरेंद्र ग्रेजुएट है. पुलिस ने पूछताछ के लिए रविंदर को बुलाया और वह वहां गया. उसे सिर्फ इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि किसी ने उसकी कार का इस्तेमाल किया था. उसे ड्रग्स के बारे में पता नहीं था.”

तुषार, जिसके पिता तुषार पब्लिकेशन और ट्यूलिप पब्लिकेशन चलाते हैं; उसका ड्राइवर औरंगजेब सिद्दीकी; उसका सहायक, पूर्व बाउंसर हिमांशु कुमार और मुंबई का एक भरत कुमार पिछले साल अक्टूबर में दिल्ली के महिपालपुर में एक गोदाम पर छापेमारी के बाद मामले में पहले हुए गिरफ्तारियों में शामिल थे.

छापेमारी के दौरान अमेरिकी पोलो के कपड़ों वाले आठ बैग में कम से कम 560 किलोग्राम कोकीन और थाई हाइड्रोपोनिक मारिजुआना के 23 कार्टन जब्त किए गए. मारिजुआना मामले की जांच में अब तक केवल तुषार और एक थाई नागरिक के बीच संबंध सामने आए हैं.

जांच के अनुसार, पहली गिरफ्तारी के बाद ही वीरेंद्र ने कथित तौर पर जितेंद्र पाल सिंह को फरार होने की चेतावनी दी थी. तीन अक्टूबर, 2024 को सिंह को देश से भागने की कोशिश करते हुए अमृतसर हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया. उस समय, एक कार में 1 किलो कोकीन भी मिली थी — एक काली फॉर्च्यूनर — जो रविंदर के नाम पर रजिस्टर्ड थी और उसका इस्तेमाल जितेंद्र कर रहा था.

मां ने आगे कहा, “गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों ने पहले मेरे बेटों को फंसाया. उन्होंने वीरेंद्र का नाम लिया. वो मेरे पोते की शादी में आए थे. मुझे नहीं पता कि वह कब से दोस्त हैं. दोनों परिवार एक-दूसरे को नहीं जानते.”

वीरेंद्र के बड़े बेटे की शादी फरवरी 2024 में हुई थी.

जांचकर्ताओं ने दिप्रिंट को बताया कि रविंदर अक्टूबर में महिपालपुर जब्ती के बाद से फरार था और गिरफ्तारी के समय अपने परिवार से मिलने के लिए वापस आया था.

इसके अलावा, पुलिस के सूत्रों के अनुसार, जैसा कि दिप्रिंट ने पहले रिपोर्ट की थी, वीरेंद्र और तुषार की मुलाकात करीब दो दशक पहले तिहाड़ में हुई थी. वीरेंद्र को एक अन्य ड्रग मामले में जेल भेजा गया था और गोयल को आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था.

जांचकर्ताओं के अनुसार, अगर कोकीन की पूरी खेप बेची जाती तो मुख्य खिलाड़ी — जिनमें तुषार और रविंदर शामिल हैं, जो न्यायिक हिरासत में हैं — कम से कम 35 करोड़ कमा सकते थे.


यह भी पढ़ें: ‘मेरे साथ जबरदस्ती की, शादी को लेकर झूठ बोला’— दिल्ली की महिला ने IAF विंग कमांडर पर लगाया रेप का आरोप


समुद्री मार्ग से दिल्ली तक

अक्टूबर में छापेमारी से तीन महीने पहले, जांचकर्ताओं को समुद्री मार्ग से एक बड़ी खेप के आने की सूचना मिली थी, लेकिन उन्हें सटीक मार्ग का पता नहीं था.

सूत्र ने कहा, “कोकीन को पूरे भारत में पहुंचाया जाना था. हम डिलीवरी की तारीख का इंतज़ार कर रहे थे. जब भरत कुमार कोकीन लेने (दिल्ली) आया, तो उसे और अन्य लोगों को पकड़ लिया गया. कुमार मुंबई का डीलर था.”

इसके बाद, एक अक्टूबर को दोबारा से खेप की सूचना मिली, जिसके बाद टीम ने उसी दिन तुषार के गोदाम पर छापा मारा. बड़ी मात्रा में तस्करी के सामान की आमद का पहला संकेत सबसे पहले पुलिस को मिला, जो वीरेंद्र पर नज़र रख रही थी, जब उन्होंने पाया कि वह ‘वीरू’ नाम से सोशल मीडिया पर कोकीन और उनकी डिलीवरी के बारे में किसी अन्य व्यक्ति से बात कर रहा था.

सूत्रों ने बताया कि वीरेंद्र के पकड़े जाने के बाद कोकीन का स्रोत स्पष्ट हो जाएगा, लेकिन कोकीन के कोलंबियाई होने का संदेह है और माना जाता है कि यह दुबई से समुद्री मार्ग से गुजरात पहुंचा है.

एक अन्य सूत्र ने कहा, “कई केंद्रीय एजेंसियां ​​वीरेंद्र को भारत लाने के लिए काम कर रही हैं.”

इस महीने की शुरुआत में दिल्ली पुलिस द्वारा जब्त की गई 562 किलोग्राम कोकीन | फोटो: स्पेशल अरेंजमेंट
इस महीने की शुरुआत में दिल्ली पुलिस द्वारा जब्त की गई 562 किलोग्राम कोकीन | फोटो: स्पेशल अरेंजमेंट

एक अक्टूबर को महिपालपुर में छापेमारी के बाद, 10 अक्टूबर को रमेश नगर की एक दुकान पर छापा मारा गया और नमकीन के पैकेट में 208 किलोग्राम प्रतिबंधित पदार्थ जब्त किया गया.

आरोपी का नाम बताए बिना, जांचकर्ताओं ने कहा कि भारतीय मूल के एक ब्रिटिश नागरिक ने दुकान किराए पर ली थी और फिलहाल फरार है. इस जब्ती के चार दिन बाद, दिल्ली पुलिस की विशेष सेल ने अंकलेश्वर में गुजरात स्थित कंपनी आवकार ड्रग्स की निर्माण इकाई पर छापा मारा, जो खांसी की दवाई के लिए प्रीकर्सर बनाती है. यहां से 518 किलोग्राम प्रतिबंधित पदार्थ जब्त किया गया.

फर्म के पार्टनर बृजेश कोठिया और दो निदेशकों अश्विनी रमानी और विजय भेसनिया सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया. दो अन्य कर्मचारी — मयूर देसले और अमित भाई — को भी गिरफ्तार किया गया.

एक अन्य सूत्र ने कहा, “जब कोकीन दुबई से गोवा पहुंची, तो खेप को अंकलेश्वर से गाजियाबाद होते हुए दिल्ली भेजा गया. आरोपी की योजना के अनुसार, पूरी खेप को एक या दो दिन के भीतर वीरेंद्र बैसोया के संपर्कों, मुख्य डीलरों द्वारा वितरित किया जाना था.”

उन्होंने कहा, “प्रत्येक डीलर को भारतीय मुद्रा के एक विशेष नोट का उपयोग करने के लिए कहा गया था, जिसका सीरियल नंबर (तुषार) गोयल के लिए उन्हें पहचानने के लिए पहचान कोड होना था. इन नोटों की तस्वीरें पहले से ही वीरेंद्र द्वारा गोयल को दिखाई गई थीं और फिर डीलरों को कोकीन लेने के लिए पहुंचने पर उन्हें सटीक नोट दिखाना था.”

जांचकर्ताओं ने बताया कि अंकलेश्वर से दिल्ली तक ड्रग्स ट्रकों और कारों में अलग-अलग पैकेज में आए थे.

इस महीने की शुरुआत में, रविंदर के साथ, पुलिस ने गोवा के मूल निवासी जैक्सन फर्नांडीस को भी मुंबई से गिरफ्तार किया. उस पर कई फर्ज़ी कंपनियां चलाने, वित्तीय लेनदेन के लिए जाली बैंक खातों को संभालने और ड्रग्स को संग्रहीत करने के लिए संपत्तियों का प्रबंधन करने का आरोप है.

एक अन्य सूत्र ने कहा, “इस मामले में कई डीलर हैं. हम उन सभी का पता लगा रहे हैं. अब तक, दुबई और यूके में किंगपिन की पहचान की गई है.”

जांचकर्ताओं के अनुसार, तस्करी की गई दवा की शिपिंग, प्राप्ति और बिक्री की योजना कम से कम एक साल पहले शुरू हुई थी. उन्होंने पाया कि फर्ज़ी दवा कंपनियां बनाई गईं, कंपनियों को चलाने के लिए लोगों को काम पर रखा गया और माल के भारत पहुंचने से कम से कम छह महीने पहले वेबसाइटें डिज़ाइन की गईं.

एक ‘शानदार’ शादी

पीलंजी में मेडिकल दुकान के मालिक से लेकर सब्जी बेचने वाले तक, हर कोई बैसोया भाइयों को जानता है और अगर गिरफ्तारी के बारे में नहीं, तो वो निश्चित रूप से वीरेंद्र के बड़े बेटे की शादी के बारे में बात करना चाहते हैं.

उक्त 55-वर्षीय निवासी ने इसे “बड़ी और शानदार” बताया.

“यह एक होटल में थी…मुझे नाम याद नहीं है, लेकिन इसकी तैयारी एक साल तक चली थी. बहुत अमीर लोग, दिल्ली के जाने-माने लोग और यहां तक कि दूसरी जगहों से भी लोग शादी में शामिल हुए थे. उनके कई प्रोग्राम हुए, यह एक फेस्टिवल जैसा था.”

जांचकर्ताओं के अनुसार, वीरेंद्र अपने बेटे की शादी के तुरंत बाद देश छोड़कर भाग गया. इसके बाद फरवरी 2024 में दिल्ली और पुणे में छापेमारी की गई, जिसमें मेफेड्रोन की “सबसे बड़ी” ज़ब्ती हुई, जिसे सड़कों पर “म्याऊ म्याऊ” के नाम से जाना जाता है, जिसकी कीमत 3,200 करोड़ रुपये है.

वीरेंद्र उस मामले में भी एक मुख्य संदिग्ध है.

हालांकि, बैसोया परिवार का कहना है कि छापेमारी के बाद वीरेंद्र भागा नहीं था. उनका कहना है कि वो दुबई में अपनी पत्नी के साथ रहता है और केवल शादी के लिए आया था.

36-वर्षीय पीलंजी निवासी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “उनके पास पैतृक संपत्ति है जिसे उन्होंने पट्टे पर दे रखा है. हमें बस इतना पता है कि बड़े बेटे का कुछ कारोबार है. वो हमेशा से ही संपन्न परिवार रहे हैं, लेकिन पिछले 10 सालों में ऐसा लगता है कि उनकी संपत्ति तीन गुना बढ़ गई है. शादी ने सभी को यह स्पष्ट कर दिया.”

पुलिस के एक सूत्र ने कहा, “उनके (बैसोया) वित्तीय लेन-देन, संपत्ति – यह सब बेहिसाब है. उनके पास जो पैसा है उसे प्रमाणित करने के लिए कोई अन्य आय स्रोत नहीं है. यह सब ड्रग का पैसा है. तुषार उनके साथ पब और क्लब में भी पार्टी करता था और हमें शक है कि वो इन पार्टियों में भी तस्करी का सामान सप्लाई करते थे.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: गोदारा की ‘सुपारी’ — करणी सेना के प्रमुख के हत्यारों के लिए 50 हज़ार एडवांस, बंदूकें और भागने की योजना


 

share & View comments