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Monday, 6 May, 2024
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एनआईए कोर्ट ने केरल के सोना तस्करी मामले में आरोपी स्वप्ना सुरेश की जमानत याचिका खारिज की

अदालत ने पेश सबूतों को आधार बनाया है. वहीं स्वप्ना सुरेश ने कल्पना के सहारे अपराध में फंसाने की बात की है और मामले को राज्य व केन्द्र के बीच ‘राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता’ कहा है.

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नई दिल्ली: केरल की विशेष एनआईए कोर्ट ने सबूतों और केस डायरी के आधार पर केरल में सोना तस्करी मामले में आरोपी स्वप्ना सुरेश की जमानत याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा, ‘प्रथमदृष्टया सबूत है कि स्वप्ना सुरेश सोने की तस्करी में शामिल थी.’

स्वप्ना सुरेश ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि उसे बिना किसी आधार के सिर्फ कल्पना के सहारे इस अपराध में फंसाया गया है और और यह मामला राज्य तथा केन्द्र सरकारों के बीच ‘राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता’ का है, जिसे मीडिया ने तूल दिया.

एनआईए ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह सबूत हैं कि आरोपी ने जानबूझकर ऐसा कृत्य किया जो सीधे तौर पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धारा 15 का उल्लंघन है.

अदालत ने एनआईए द्वारा पेश किए गए सबूतों पर गौर करते हुए स्वप्ना सुरेश की जमानत याचिका खारिज कर दी. पिछले साल नवम्बर से राजनयिक चैनल के माध्यम से 100 करोड़ रुपये से अधिक की सोने की तस्करी में महिला की कथित भूमिका को लेकर जांच एजेंसी ने ये सबूत जुटाये थे.

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एनआईए ने जमानत याचिका को कड़ा विरोध करते हुए कहा कि मामले में गहन जांच की जरूरत है.

आरएसएस नेता जे नंदकुमार ने ट्वीट कर कहा है कि कोच्चि की एनआईए कोर्ट ने जांच के शुरुआती निष्कर्षों के आधार पर मामले की प्रमुख आरोपी स्वप्ना सुरेश की जमानत याचिका खारिज कर दी है.

इससे पहले एनआईए की विशेष अदालत में जांच एजेंसी ने उसकी जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि सुरेश के तिरूवनंतपुरम में यूएई के वाणिज्य दूतावास से इस्तीफा देने के बावजूद उसे वेतन मिलता था.

एनआईए ने दावा किया था कि वाणिज्य दूतावास में नौकरी छोड़ने के बावजूद वह वाणिज्य दूतावास से जुड़े लगभग हर मामले में दखल देती थी. साथ ही एजेंसी ने मामले में अब तक की जांच भी अदालत से साझा की.

एनआईए ने अदालत ने बताया था स्वप्ना सुरेश ने सीएमओ में ‘अच्छा प्रभाव’ होने का दावा किया था

इससे पहले केरल सोना तस्करी मामले की मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के सामने 6 अगस्त को दावा किया था कि राज्य प्रशासन के शीर्ष कार्यालय में उसका ‘अच्छा प्रभाव’ है.

एनआईए ने अदालत को दिए हलफनामे में बताया कि मामले की मुख्य आरोपी स्वप्ना ने पूछताछ के दौरान सूचित किया कि मुख्यमंत्री कार्यालय में उसका ‘अच्छा प्रभाव’ था.

सुरेश और सह आरोपी संदीप नायर को बेंगलुरू से एनआईए ने 11 जुलाई को गिरफ्तार किया था. सोना तस्करी के मामले में एजेंसी ने अभी तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया है.

(पीटीआई और एएनआई के इनपुट्स के साथ)

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