बेंगलुरु: कर्नाटक के गडग जिले में रहने वाले एक 20 वर्षीय मुस्लिम युवक ने मंगलवार को दम तोड़ दिया जिसे एक समूह, जिसमें हिंदूवादी संगठन बजरंग दल के सदस्य भी शामिल थे, ने सोमवार को उसे और उसके दोस्त को कथित तौर चाकू मारकर घायल कर दिया था.
गडग में पुलिस सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि मृतक समीर शाहपुर और उसके दोस्त शमसीर खान पठान पर सोमवार को कथित तौर पर हमला किया गया था.
सूत्रों ने दावा किया कि हमले से पहले बजरंग दल के सदस्यों ने उसी दिन जिले के नरगुंड पुलिस स्टेशन के बाहर ‘हेट स्पीच’ का इस्तेमाल किया था. पुलिस के मुताबिक, हेट स्पीच और हमला क्षेत्र में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच करीब दो महीने से कथित तौर पर जारी सांप्रदायिक झड़पों का नतीजा हैं.
गडग के पुलिस अधीक्षक (एसपी) शिवप्रकाश देवराजू ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘पिछले दो माह के दौरान नरगुंड में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक झड़पें हुई हैं, दोनों समुदाय स्कूल-कॉलेजों में पढ़ने वाले युवाओं का इस्तेमाल एक-दूसरे को उकसाने के लिए कर रहे हैं.’
उन्होंने बताया, ‘पिछले साल नवंबर से ही इस तरह की घटनाओं के कारण दोनों समुदायों के लोगों के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी हैं. हमें संदेह है कि सोमवार का हमला भी इसी सांप्रदायिक तनाव का नतीजा था.’
पुलिस सूत्रों ने बताया कि सोमवार सुबह कुछ बजरंग दल कार्यकर्ता सांप्रदायिक झड़प की घटनाओं में संगठन के सदस्यों के खिलाफ मामले दर्ज किए जाने के विरोध में थाने पहुंचे थे. विरोध जताने के दौरान बजरंग दल के पदाधिकारी संजू नलवाड़ी ने कथित तौर पर भड़काऊ बयानबाजी की.
एसपी देवराजू ने कहा, ‘हेट स्पीच के लिए भी प्राथमिकी दर्ज की गई है.’ उन्होंने कहा कि नरगुंड पुलिस ने शाहपुर की मौत के मामले में चार लोगों को हमले का आरोपी मानते हुए गिरफ्तार किया है.
उनकी पहचान 20 वर्षीय मल्लिकार्जुन हिरेमठ, 19 वर्षीय चन्नबसप्पा अक्की, 19 वर्षीय सक्रप्पा काकनूर और 35 वर्षीय संजू नलवाड़ी (जिसने कथित तौर पर उकसाने वाली भाषा इस्तेमाल की थी) के रूप में की गई है. एसपी देवराजू ने बताया कि पुलिस इस मामले में अन्य लोगों की तलाश कर रही है.
बजरंग दल के अखिल भारतीय सह-संयोजक सूर्यनारायण ने बुधवार को दिप्रिंट से बातचीत में कहा, ‘हम अभी जानकारी जुटाने की प्रक्रिया में हैं. हम जानते हैं कि गडग में हमारे कार्यकर्ताओं और मुसलमानों के बीच छोटी-छोटी झड़पें हो रही थीं लेकिन स्पष्ट तौर पर कुछ भी कहने से पहले हमें और अधिक ब्योरा जुटाने की जरूरत है. मैं गडग में अपने सदस्यों से बात कर रहा हूं.’
पुलिस सूत्रों ने बताया कि दोनों युवकों पर हमले के बाद मंगलवार को दोनों समुदायों के बीच शांति बैठकें हुईं और सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए नरगुंड में अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया. नरगुंड में बुधवार को पुलिस का फ्लैग मार्च भी हुआ.
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‘मेरा भाई हमलावरों को जानता तक नहीं’
पुलिस की तरफ से मंगलवार को मीडिया के लिए जारी एक बयान के मुताबिक, पुलिस थाने में भड़काऊ भाषा के इस्तेमाल की घटना के कुछ घंटे बाद सोमवार शाम करीब साढ़े सात बजे सात-आठ लोगों के एक समूह ने शाहपुर और पठान को नगर परिषद कार्यालय के पास उस समय घेर लिया जब वो दोनों बाइक से घर जा रहे थे.
नरगुंड पुलिस की तरफ से बयान में कहा गया है, ‘समूह ने उन्हें रोका और उनके साथ मारपीट शुरू कर दी. इस दौरान प्रवीण और मल्लिकार्जुन हिरेमठ (घटना के दो आरोपी) ने दोनों को चाकू मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया.’
क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों में दर्ज कथित रिकॉर्डिंग जिसमें कथित तौर पर हमला होते दिख रहा है—को व्हाट्सएप पर भी साझा किया जा रहा है. इसकी एक कॉपी दिप्रिंट के पास मौजूद है.
शाहपुर के भाई मोहम्मद जुबैर ने बुधवार को दिप्रिंट को बताया, ‘मेरा भाई हमलावरों को जानता तक नहीं था.’
उसने आगे कहा, ‘दो माह पहले एक मुस्लिम और हिंदू युवक के बीच एक लड़की (कथित प्रेम-त्रिकोण) को लेकर झगड़ा हुआ था. उस घटना के बाद से ही आरएसएस-बजरंग दल के सदस्य जब-तब मुस्लिम युवाओं को निशाना बनाते रहे हैं. मेरे भाई का उस घटना या उसे मारने वाले लोगों से कोई लेना-देना नहीं था.’
देवराजू ने भी कहा कि अभी तक पीड़ितों और आरोपियों के बीच किसी तरह के कनेक्शन का पता नहीं चला है. हमले को लेकर पुलिस के बयान में यह भी दावा किया गया है कि संदेह है कि नरगुंड में नवंबर से ही चल रही सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं के कारण ही आरोपियों ने पीड़ितों को निशाना बनाया.
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, मृत युवक चाय की दुकान चलाता था जबकि पठान का नरगुंड में एक फोटो स्टूडियो है.
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