नई दिल्ली: इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) ने गुरुवार को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में एनसीपी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ स्पेशल पीएमएलए अदालत में लगभग पांच हजार पन्नों की चार्जशीट पेश की है.
चार्जशीट के मुताबिक 50 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं.
ईडी ने चार्जशीट में कहा कि एजेंसी ने मलिक के बेटों और उनके भाई कप्तान मलिक को भी तलब किया था लेकिन उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया और समन को नजरअंदाज किया.
इससे पहले पिछले हफ्ते ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम 2002 के तहत मलिक और उनके परिवार की संपत्तियों को कुर्क किया था.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के एक आदेश के खिलाफ दायर नवाब मलिक की याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें तत्काल रिहाई की मांग करने वाली उनकी अंतरिम याचिका को खारिज कर दिया गया था.
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच नवाब मलिक की याचिका पर सुनवाई करेगी.
बता दें कि इस मामले में नवाब मलिक को 23 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. वह अभी न्यायिक हिरासत में हैं.
ईडी का मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा साल 1993 मुंबई धमाकों के आरोपी दाऊद इब्राहिम और उसके सहायकों के खिलाफ हाल में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत दर्ज एक प्राथमिकी पर आधारित है.
इससे पहले हिरासत में लेने के लिए हुई सुनवाई के दौरान केंद्रीय वित्तीय जांच एजेंसी ने अदालत से कहा था कि मलिक मुख्य षड्यंत्रकर्ता और लाभार्थी हैं. ईडी ने आरोप लगाया कि अवैध रूप से इन संपत्तियों पर कब्जा के लिए उन्हें दाऊद इब्राहिम गिरोह के अहम सदस्यों से धन मिला.
एजेंसी ने दावा किया कि ‘इन संपत्तियों को हड़पने के लिए दाऊद इब्राहिम के गिरोह के सदस्यों और नवाब मलिक ने साठगांठ की और इसे वास्तविक दिखाने के लिए कई कानूनी दस्तावेजों में हेरफेर की थी.’
भाषा के इनपुट से
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