scorecardresearch
Wednesday, 24 April, 2024
होमदेशअपराधबुलंदशहर हिंसा मामले में विहिप, बजरंग दल और भाजपा के तीन कार्यकर्ता नामजद

बुलंदशहर हिंसा मामले में विहिप, बजरंग दल और भाजपा के तीन कार्यकर्ता नामजद

विहिप कार्यकर्ता उपेंद्र राघव, भाजपा युवा शाखा के अध्यक्ष शिखर अग्रवाल और बजरंग दल जिला संयोजक योगेश राज को हिंसा के मामले में नामजद किया गया है.

Text Size:

बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई हिंसा के मामले में बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन नेताओं को नामजद किया गया है. इस हिंसा में एक पुलिस अधिकारी सहित कुल दो मौतें हुईं. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

विहिप कार्यकर्ता उपेंद्र राघव, शहर के भाजपा युवा शाखा के अध्यक्ष शिखर अग्रवाल और बजरंग दल जिला संयोजक योगेश राज को सोमवार को हिंसा के मामले में प्राथमिकी में नामजद किया गया.

पुलिस ने दो अन्य लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया है, जिन्हें ग्रामीण बताया जा रहा है, जबकि अन्य पांच लोगों को हिंसा के संबंध में हिरासत में किया गया. यह हिंसा गोहत्या की अफवाह उड़ने के चलते हुई.

जब इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह ने प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझाकर ट्रैफिक जाम हटवाने की कोशिश की तभी उन पर धारदार चीजों से हमला करने के साथ ही गोली भी चला दी गई, जिसके चलते उनकी मौत हो गई.

हिंसा में एक युवक भी मारा गया लेकिन उसकी मौत की वजह की परिस्थितियां स्पष्ट नहीं हैं. पुलिस ने 88 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिनमें से 27 को नामजद किया गया है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

हिंसा में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए पांच पुलिस टीमों का गठन किया गया है और 22 स्थानों पर छापेमारी की गई है.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिरासत में लिए गए लोगों से मिली जानकारी और घटना के समय लोगों द्वारा लिए गए वीडियो फुटेज के आधार पर पहचान कर छापेमारी की गई.

पुलिस अब हिंसा स्थल के नजदीक के गांवों चिंगरावथी और महाव पर फोकस कर रही है. पुलिस का मानना है कि भीड़ इन दोनों जगहों से आई थी.

मारे गए पुलिस अधिकारी के पार्थिव शरीर को एटा जिले के उनके गांव ले जाया गया, जहां परिवार के सदस्य उन्हें इस अवस्था में देखकर बिलख पड़े.

सिंह के परिवार में उनकी पत्नी सुनीता और दो बच्चे हैं. विधवा सुनीता ने रिश्तेदारों से कहा कि उनके पति ने छुट्टी मांगी थी लेकिन नहीं दिया गया. उन्होंने बिलखते हुए कहा कि अगर छुट्टी दे दी गई होती, तो नहीं मारे जाते.

अधिकारी के बड़े बेटे श्रेय एमबीए कर रहे हैं जबकि छोटा बेटा अभिषेक इंजीनियरिंग का छात्र है.

उत्तर प्रदेश में कायम है जंगलराज : मायावती

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में भीड़ हिंसा मामले में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भाजपा पर निशाना साधते हुए पूरे मामले में भाजपा के शासन की तुलना जंगलराज से की.

उन्होंने कहा, ‘अराजकता को संरक्षण देने के कारण ही इतनी बड़ी घटना हुई है. उत्तर प्रदेश जैसे बड़े व विकास के लिए तरस रहे राज्य में भाजपा का जंगलराज कायम है, जिसमें अब कानून के रखवाले भी बलि चढ़ रहे हैं जो अत्यंत दुख व चिंता की बात है.’

बसपा मुखिया ने कहा, ‘परिवारों को केवल समुचित अनुग्रह राशि देना ही प्रदेश सरकार के लिये काफी नहीं होना चाहिए, बल्कि इस हिंसा के लिए सभी दोषियों को सख्त से सख्त सजा समय पर दिलाना भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि देश को ऐसा महसूस हो कि उत्तर प्रदेश में कोई सरकार भी है.’

उन्होंने कहा, ‘भाजपा व इनकी सरकारों को इन्हीं के द्वारा पैदा भीड़तंत्र की हिंसा व अराजकता के राज को खत्म करने के लिए देश व प्रदेशों में कानून का राज स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए. देश के संविधान व लोकतंत्र को भीड़तंत्र की बलि चढ़ने से आगे रोकने के लिए यह अत्यंत जरूरी है.’

मायावती ने राजधानी लखनऊ में भाजपा के नेता प्रत्यूषमणि त्रिपाठी की हत्या का उल्लेख करते हुये कहा, ‘भाजपा की बढ़ती हुई भीड़तंत्र की उग्र व हिंसक स्थिति का शिकार अब स्वयं इन्हीं के लोग ही होने लगे हैं. पहले दलितों, पिछड़ों, मुस्लिमों व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को अपनी हिंसा व उग्रता का शिकार बनाने वाले ये अराजक लोग अब अपनी आदतों से मजबूर हो गए हैं.’

share & View comments