नई दिल्ली: राजस्थान के अलवर में दलित महिला के साथ हुआ गैंग रेप राजस्थान की कांग्रेस सरकार के लिए मुसीबत बनता जा रहा है. गहलोत सरकार के खिलाफ राज्यभर के दलित संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है. भीम आर्मी समेत अन्य संगठनों ने इस घटना के विरोध में शुक्रवार का आह्वान किया है. जगह-जगह प्रदर्शन चल रहे हैं. इधर, विपक्ष द्वारा कांग्रेस को घेरे जाने के बाद यह मामला कांग्रेस हाईकमान तक पहुंच गया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी इस मामले में रिपोर्ट तलब की है. राहुल गांधी ने इस पूरे मामले के लिए कांग्रेस के एससी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन राउत को पीड़िता और उसके परिजनों से मुलाकात करने पहुंचे. इसके बाद वे पूरी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष को सौपेंगे.
राष्ट्रीय स्तर का मामला बनने के बाद राजस्थान सरकार ने मामले में ताबड़तोड़ कार्रवाई करना शुरु कर दी है. सूबे के मुख्यमंत्री रोज इस मामले में ज़िले के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा कर रहे है. इसके आला अफसरों की बैठक भी कर रहे है. जानकारी के अनुसार राज्य सरकार जांच के लिए कमेटी गठित करने पर विचार कर रही है. वहीं फास्ट ट्रैक कोर्ट में भी सुनवाई करने पर चर्चा कर रही है. सरकार इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करने में मूड में है. सरकार इसमें अब इस मसले पर नया कोई हंगामा नहीं चाहती है. इधर पुलिस ने एक और आरोपी को गुरुवार शाम को गिरफ्तार कर लिया है. बाकि पांच आरोपी पहले ही पकड़े जा चुके हैं.
यह भी पढ़े: अलवर गैंग रेप: पुलिस की कार्रवाई से नाखुश लोग, गहलोत सरकार पर मामला दबाने का लगाया आरोप
राजनीति पूरे अपने चरम पर
इस घटना के विरोध में दलित संगठन भी मैदान में उतर आए है, क्योंकि पीड़िता दलित परिवार से हैं. उन्होंने इस मामले में जल्द सुनवाई की मांग की है. विरोध स्वरुप भीम आर्मी ने भी शुक्रवार को जयुपर बंद बुलाया है. वहीं भाजपा ने राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने भी 11 मई को बंद की घोषणा की है.
Jaipur: Bhim Sena holds protests against Alwar rape case; Bhim Army chief Chandrashekhar Azad Ravan also present. #Rajasthan pic.twitter.com/zAR8Ylit4D
— ANI (@ANI) May 10, 2019
सीईओ स्तर का अधिकारी होगा नियुक्त
इस मामले में राज्य के सीएम अशोक गेहलोत ने शुक्रवार को स्थानीय मीडिया से चर्चा में कहा कि ‘यह घटनाक्रम बहुत ही गंभीर है. दुर्भाग्य से ऐसी घटनाएं राजस्थान में लंबे अरसे से चली आ रही है कभी बीकानेर, कभी सीकर कभी अलवर से महिलाओं पर अत्याचार की घटनाओं की खबर आती है, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हैं.’
‘हमने तय किया है कि एक केस ऑफीसर स्कीम होती है जिसके अंतर्गत पूरी तरह मॉनिटरिंग और प्रॉसीक्यूशन की पुलिस की देखरेख में होती है उसके अंतर्गत हम लोग इस केस को ट्रांसफर करेंगे. केस ऑफिसर स्कीम उसके अंतर्गत इसकी पूरी तरह से जांच होगी और कोई बख्शा नहीं जाएगा, जिन्होंने अपराध किया है उनको मॉनिटरिंग के आधार पर सज़ा दिलाई जाएगी.’
यह भी पढ़े: अलवर गैंगरेप: गुर्जर लड़कों पर लगा आरोप, मिली हुई है राजनीतिक शह
गहलोत ने आगे कहा कि ‘मैंने अधिकारियों के साथ भी चर्चा की है. हमने तय किया है कि भविष्य में राज्य के अंदर जैसे एससी, एसटी के लिए एक सीईओ लेवल पर अधिकारी नियुक्त होगा जो महिलाओं पर अत्याचार, रेप केस, गैंग रैप, किडनैपिंग जैसे मसलों को देखेगा. जल्द से जल्द पूरे राज्य के हर ज़िले के अंदर नई पोस्ट भी क्रिएट भी बनाई जाएगी.’
‘इसके अलावा हम फैसला लेने जा रहे हैं कि थाने के अंदर कोई थानेदार एफआईआर दर्ज नहीं करेगा तो एसपी ऑफिस के अंदर प्रोविजन होगा कि थाने में रिपोर्ट दर्ज की जाए. इसके बाद यह भी मॉनिटरिंग होगी कि थाने में एफआईआर किस कारण से दायर नहीं की. कारण सही न निकलने पर थानेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.’
क्या है मामला
राजस्थान के अलवर ज़िले के द्वारापुरा गांव में रहने वाले पति और पत्नी 26 अप्रैल को बाइक से बाज़ार जा रहे थे. बीच रास्ते में दो बाइक पर सवाल 5 लोगों ने उन्हें रोक लिया. इसके बाद वे पांचों लोग दंपति को एक सुनसान जगह पर ले गए. युवकों ने महिला का उसके पति के सामने गैंगरेप किया. वहीं इस पूरे कृत्य का वीडियाे भी बनाया. इस वीडियो के द्वारा कई दिनों तक उन्हें धमका कर और ब्लैकमेल भी किया. इसके बाद 30 अप्रैल को पीड़ित के परिजन शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचे. पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की. स्थानीय विधायक कांतिलाल मीणा के दबाव पर पुलिस ने 2 मई को एफआईआर दर्ज की. इसके बाद भी पांचों आरोपी को नहीं पकड़ा गया. पुलिस द्वारा पीड़िता का मेडिकल में भी देर की गई. 6 मई को राजस्थान में मतदान होना था,पुलिस ने इसका हवाला देते हुए मामले ढील दे दी. वहीं आरोपियों को जब पता उनकी शिकायत पुलिस से हो रही तो उन्होंने सोशल मीडिया पर पीड़िता के वीडियो व तस्वीरें जारी कर दी. वीडियो जारी होने के बाद दलित समुदाय,मीणा समुदाय और राजनीतिक दलों ने पुलिस पर दबाव बनाया. इसके बाद पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा.