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Wednesday, 1 May, 2024
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अलीगढ़: दो साल की बच्ची की मौत से पहले उसे 8 घंटे तक पीटा गया

अलीगढ़ की बच्ची ट्विंकल के शव के परीक्षण से पता चला है कि उसकी पसलियां, नाक और पैर टूटे हुए थे और एक हाथ ग़ायब था. हत्या कथित तौर पर उन्होंने की है जिन्होंने बच्ची के परिवार का 10,000 रुपये का कर्ज़ दिया था.

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टप्पल (अलीगढ़): शिल्पा बेसब्र हैं. उनकी आंखें सूख गई हैं. अलीगढ़ के टप्पल गांव में बच्ची का घर एक दर्जन महिलाओं से घिरा हुआ था, वो महिलाएं दो साल की बच्ची ट्विंकल की फोटो मोबाइल फोन पर देख रही हैं, जिसे पिछले सप्ताह कथित रूप से 10,000 रुपये के कर्ज़ के लिए मार दिया गया.

शिल्पा ने कहा, ‘उन्होंने मेरे इकलौते बच्चे को मार दिया.’ किसी ने उसे पानी देने की कोशिश की, लेकिन वह कांपती रहीं, उसकी निगाहें फोन पर टिकी रहीं. शुरुआती रिपोर्टों और सोशल मीडिया की अटकलों से अलग, ट्विंकल के ख़िलाफ़ दुष्कर्म नहीं हुआ था. लेकिन बच्ची के साथ हुई क्रूरता ने उसके माता-पिता और टप्पल गांव को हमेशा के लिए दहला का रख दिया.

शिल्पा और उनके पति बनवारी लाल शर्मा की ट्विंकल इकलौती बेटी थी, जो कई मेडिकल जटिलताओं के बाद शादी के पांच साल बाद पैदा हुई थी. उसकी मृत्यु उसके ठीक आठ महीने बाद हुई जब शिल्पा का गर्भपात हो गया और उसने नौ महीने के अपने भ्रूण को खो दिया.

दंपति ने आखिरी बार अपनी बेटी को 30 मई गुरुवार को जीवित देखा था जब वो अपने दोस्तों के साथ खेलने के लिए सुबह लगभग 8.30 बजे घर से निकल गई. 48 घंटे बाद उसका सड़ा और कीड़े लगा हुआ शरीर उसके घर के पास एक कूड़े के ढेर से मिला जिसे आवारा कुत्तों ने खींच लिया था, उसके शरीर को तहस-नहस कर दिया था.

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उसकी आंखें बाहर की ओर निकली हुई थीं, दाहिना हाथ कट गया था, बाएं पैर, पसलियां और नाक फ्रैक्चर हो गए थे और उसकी हड्डियों के नीचे के कुछ हिस्सों में कीड़े तक समाए हुए थे. इस तस्वीर को अपने दिमाग से निकालने में नाकाम शिल्पा अपनी आंखों को ज़ोर से रगड़तीं और हर पांच मिनट में अपना सिर हिलाती थीं. उन्होंने कहा ‘उसके शरीर की बदबू अब भी मेरी नाक में है. कूड़े के ढेर में पड़ी हुई वो छवि मुझे सताती है और मुझे नहीं लगता है कि मैं इसे कभी अपने दिमाग से निकाल पाऊंगी.’

अलीगढ़ पुलिस के मुताबिक बच्ची का जाहिद और असलम नाम के दो लोगों ने अपहरण कर लिया था, जिसने फिर बच्ची को यातना दी और उसकी हत्या कर दी. कारण ये था कि दोनों का बच्ची के दादा पर 10,000 रुपये का कर्ज था और दो दिन पहले ही उनके साथ बहस हुई थी. बहस के दौरान उन्होंने उसे चेतावनी दी थी कि वे उन्हें सबक सिखाएंगे. दोनों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम की कई धाराएं लगाई गई हैं, जो आम तौर पर आतंकवाद से संबंधित अपराधों के लिए होती हैं.

बाइक पर स्पीकर लगाया और 24 घंटे तक गांव के चक्कर लगाए

ट्विंकल के परिवार का दावा है कि उनकी शिकायत के बाद अलीगढ़ पुलिस ने कोई कदम उठाने से पहले 32 घंटों तक इंतज़ार किया. बनवारी लाल शर्मा के मुताबिक जैसे ही उन्हें लगा कि ट्विंकल लापता है वो थप्पल पुलिस स्टेशन भागे, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई.

उन्हें कथित तौर पर कहा गया, ‘वो किसी के घर गई होगी. वो वापस आ जाएगी.’

उन्होंने कहा, ‘पुलिस ने मेरा फोन नंबर लिया और मुझसे कहा कि मुझे घर जाना चाहिए और अगर उन्हें वो मिल जाती है तो वो मुझे फोन करेंगे.’

उन्होंने आगे कहा, ‘उन्होंने कोई लिखित शिकायत नहीं की न ही उन्होंने मुझसे पूछा कि मेरी बेटी कैसी दिखती है या उसने क्या पहन रखा है. सो मुझे लगा कि मुझे ख़ुद ही उसकी तलाश करनी पड़ेगी.’

फिर उन्होंने अपने कुछ दोस्तों को इकट्ठा किया और इलाके के हर मंदिर और मस्जिद में गए और इन जगहों के लोगों से उनकी बेटी के लापता होने की घोषणा करने को कहा.

थोड़े देर तक जब कोई ख़बर नहीं आई तो उन्होंने अपनी बाइक ली और इस पर स्पीकर लगा दिया और इसके बाद गांव भर में घोषणा करने लगे.

उन्होंने कहा, ’30 मई को मैं पूरे दिन सड़क पर था. हर दरवाज़े पर जाकर तलाश और घोषणा कर रहा था, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. अगले दिन सुबह 9.15 मिनट पर मैं फिर से पुलिस स्टेशन गया और उनसे शिकायत दर्ज करने की अपील की. लेकिन पुलिस शिकायत दर्ज करने में शाम के 4.30 बजा दिए. इसके लिए भी ख़ूब विनती करनी पड़ी.’

इसके बाद पुलिस ने एक खोजी दल बनाया. हालांकि, पूरे गांव की तलाश के बावजूद पुलिस ट्विंकल को ढूंढ़ने में नाकाम रही.

पीली कैप्री

शर्मा ने दिप्रिंट से कहा 1 जून को पुलिस उसके पास आई और उनसे सीसीटीवी फुटेज देखने को कहा.

उन्होंने कहा, ‘पूरे दिन उन्होंने मुझे कई ठिकानों के सीसीटीवी फुटेज दिखाए जबकि उन्होंने बच्ची को ढूंढ़ने की कोई कोशिश नहीं की. हम उसे फुटेज में नहीं ढूंढ़ पाए. मैं लगातार उस पीली केप्री को ढूढ़ने का प्रयास कर रहा था जो उसने उस समय पहन रखी थी जब हमने उसे आख़िरी बार देखा था, लेकिन ये कहीं नज़र नहीं आ रही थी. इसमें पूरा दिन बर्बाद हो गया.’

2 जून को कूड़ा इकट्ठा करने वाली एक महिला ने ट्विंकल के शरीर को देखा जिस पर कीड़े लग गए थे. ढेर के पास कुत्ते इसे खा रहे थे. महिला ने शोर मचाया.

शर्मा ने कहा, ‘कुत्तों ने कूड़ेदान से शरीर को बाहर निकाला. मैं अपनी बेटी को ख़ुद नहीं पहचान पाया क्योंकि उसके चेहरे को तार-तार कर दिया गया था. मैं सिर्फ उसकी पीली केप्री पहचान सका.’

शव परीक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक ट्विंकल की मौत ‘मरने से पहले लगी चोटों के सदमे’ की वजह से या मरने के पहले शरीर पर लगे घाव की वजह से हुई. मरने से पहले संभवत: उसे 8 घंटों तक पीटा गया था.

मामले की जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘शव परीक्षण से ये साफ था कि बच्ची को 30 तारीख़ को ही मार दिया गया था. उसे बिना धार वाले हथियार से मारने के अलावा पीटा गया और चोट पहुंचाई गई.’

उन्होंने आगे कहा, ‘उसके पैर और पसलियां टूटी हुई थीं और एक हाथ कटा हुआ था. इसके बाद शरीर को एक कमरे में भूसे के ढेर में छुपा दिया गया था जिसकी वजह से यह गर्मी में सड़ गया.’ पुलिस के मुताबिक आरोपी ने शरीर को कूड़े के ढेर के पास संभवत: उसी दिन फेंका था जिस दिन इसे पाया गया था.

‘पर्याप्त सुराग पाए गए’

शरीर मिलने के बाद गांव वाले कूड़े के ढेर के पास इकट्ठा हुए और ट्विंकल के दादा ने वहां से जाहिद को गुज़रते देखा. उन्हें कुछ दिनों पहले हुए तू-तू मैं-मैं की याद आई और उन्हें तुरंत इस बात का शक हुआ कि बच्ची को जाहिद और असलम ने मारा होगा.

शर्मा ने कहा, ‘इसके बाद उन्होंने शोर मचाया और लोगों ने ज़ाहिद को पकड़ के पुलिस को सूचना दी. ज़ाहिद को पुलिस के हवाले कर दिया गया और उसके और उसके भाई के ख़िलाफ़ एक मामला दर्ज़ किया गया.’

पुलिस के मुताबिक फॉरेंसिक साइंस लैब की टीम के साथ मिलकर उन्होंने पर्याप्त साक्ष्य जुटाए जिससे साबित होता है कि बच्ची को ज़ाहिद के घर के पीछे वाले आंगन में मारा गया था.

हालांकि सवाल बरकरार है: घर घर जाकर तलाशी कर रही पुलिस ने उस कमरे की तलाशी क्यों नहीं ली जो कि बच्ची के घर से महज़ 100 मीटर दूर है? आरोप कूड़े के किसी ऐसे ढेर में शरीर को क्यों फेंकेगा जो कि उसके घर के ठीक सामने है.

लेकिन पुलिस आश्वस्त है.अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुल्हाड़ी ने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं है कि दोनों ने बच्ची को मारा और उसके शरीर को सड़ने के लिए छोड़ दिया. हालांकि, उसके ख़िलाफ़ यौन हिंसा नहीं हुई है. उसके चेहरे पर तेज़ाब नहीं फेंका गया था.’

उन्होंने कहा, ‘पुलिस ने लड़की की तलाशी के पुरज़ोर प्रयास किए लेकिन दुर्भाग्य से उसका शरीर 2 जून को पाया गया. ज़ाहिद और असलम को गिरफ्तार कर लिया गया है और हम एनएसए लगाने जा रहे हैं ताकि उन्हें बेल न मिले. हम कोर्ट से मामले की फास्ट-ट्रैक सुनवाई करने की भी अपील कर रहे हैं ताकि त्वरित न्याय मिले.’

एनएसए के तहत किसी ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाता है जिसके किसी काम से भारत की सुरक्षा को ख़तरा हो, वो अन्य देशों के साथ भारत के संबंध में खलल डाल सकता हो, एनएसए के तहत कानून व्यवस्था भी बनाए रखने की कोशिश होती है या किसी समुदाय के लिए आवश्यक चीज़ों और सेवाओं के आपूर्ति और रख-रखाव के लिए भी इसका इस्तेमाल होता है.

इस मामले में एनएसए का इस्तेमाल यह देखते हुए किया गया है कि मामले की प्रकृति और क्षमता ऐसी है कि ये कानून व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ सकता है: थप्पल की आधी आबादी मुसलमानों की है और मामले को सांप्रदायिक रंग दिया जा सकता है, जैसा कि 2018 में कठुआ में हुए आठ साल की बच्ची के रेप और हत्या के मामले में हुआ.

आरोपी के परिवार में शामिल उसकी पत्नी, मां, भाई और बहन घटना के बाद से वहां से भाग गए हैं. पुलिस की एक टीम उनकी तलाश कर रही है.

जांच में शामिल एक और पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘अगर बच्ची का शरीर पीछे आंगन में रखा गया था तो साफ है कि जाहिद के परिवार को इस बारे में पता था, इससे वो इस अपराध के भागीदार बन जाते हैं. हमने और गिरफ्तारियों के लिए टीम भेजी है.’ उन्होंने कहा, ‘आरोपियों में से एक असलम को अपनी ही बेटी के रेप के आरोप में पहले भी गिरफ्तार किया जा चुका है.’

‘ये हिंदू-मुस्लिम का मामला नहीं है’

ट्विंकल के घर पर नहीं संभल रहीं शिल्पा को दर्जन भर महिलाएं ढांढस बंधाने की कोशिश करती नज़र आती हैं. उन्होंने कहा, ‘ये हम हिंदू हैं जिन्होंने अपनी बेटी को कुत्ता का चारा बनते देखा और ऐसा देखने के बाद भी शांत बैठे हैं. क्या होगा अगर हम बदला लेने का फैसला कर लें?’

लेकिन ट्विंकल की चाची गीता शर्मा तुरंत उनके जवाब में कहती हैं, ‘ये हिंदू-मुस्लिम के बारे में नहीं है. हमें अपना ध्यान उस अपराध से नहीं भटकने देना चाहिए जो किया गया है… जिसने भी ये किया है वो एक इंसान तो नहीं हो सकता, चाहे वो किसी धर्म से आता हो. एक हिंदू भी ये कर सकता था.’

उन्होंने आगे कहा, ‘हम बस इतना चाहते हैं कि जिसने भी ये किया है उसे बख़्शा नहीं जाना चाहिए.’ उनके पास मौजूद महिलाएं सहमति में सिर हिलाती हैं. वहां मौजूद एक महिला ने कहा, ‘आप सही कह रही हैं. यहां 50 फीसदी  मुस्लिम आबादी होने के बावजूद हम कई सालों से साथ मिलकर रह रहे हैं. ऐसा कुछ अब क्यों होगा?’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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