लेह, एक अक्टूबर (भाषा) देश में सबसे कम अपराध के लिए मशहूर केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में 2023 में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और विशेष एवं स्थानीय कानूनों (एसएलएल) के तहत 522 मामले दर्ज किए गए। आधिकारिक अपराध आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी आंकड़ों के तहत केंद्र शासित प्रदेश में 2022 में अपराध के मामलों में गिरावट आई लेकिन इसके बाद 2023 में अपराधिक मामले फिर से बढ़े हैं।
यहां 2022 में 478 मामले दर्ज किए गए थे जिसके बाद 2023 में मामलों में बढ़ोतरी हुई। हालांकि 2021 में यहां 559 मामले थे जिसकी तुलना में 2023 के मामले अब भी कम है।
लगभग तीन लाख की आबादी वाले इस केंद्र शासित प्रदेश में प्रति लाख जनसंख्या पर 173.4 संज्ञेय अपराध दर दर्ज की गई और यह प्रत्येक 577 लोगों पर एक संज्ञेय अपराध के बराबर है।
हालांकि, 2023 में आरोप-पत्र दाखिल करने की दर 85.6 प्रतिशत थी, जो दर्शाता है कि पुलिस द्वारा जांच किए गए अधिकतर मामलों को अदालत में ले जाया गया।
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, लद्दाख में आईपीसी अपराधों में 2022 में गिरावट रही और इसके कुल 439 मामले दर्ज किए गए जबकि उससे पिछले साल इसके 519 मामले दर्ज किए गए थे। हालांकि, 2023 में ये मामले बढ़कर 459 हो गए और प्रति लाख जनसंख्या पर संज्ञेय अपराध दर 152.5 हो गई।
एसएलएल के तहत 2023 में अपराध बढ़कर 63 हो गए और 2022 में यह 39 तथा 2021 में 40 थे जबकि 2023 में आरोपियों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल करने की दर 98.6 प्रतिशत रही।
लद्दाख में 2023 में हत्या के दो मामले सामने आए जबकि लापरवाही के कारण 56 मौतें हुई, जिसमें दुर्घटनाओं के कारण 49 मौतें भी शामिल हैं।
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर आंकड़ों से पता लगता है कि केंद्र शासित प्रदेश में 2023 में दुष्कर्म की दो घटनाएं, अपहरण के छह मामले और बच्चों के लापता होने के पांच मामले दर्ज किए गए। लापता बच्चों के बारे में माना जाता है कि उनका अपहरण कर लिया गया था।
लद्दाख में 2023 में राजद्रोह या राज्य के विरुद्ध कोई मामला दर्ज नहीं किया गया लेकिन दंगों की सात घटनाएं दर्ज हुईं।
भाषा यासिर अविनाश
अविनाश
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