गुवाहाटी, 28 मई (भाषा) मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को दावा किया कि ऐसी विश्वसनीय जानकारी मिली है जो कांग्रेस की असम इकाई के अध्यक्ष गौरव गोगोई की पाकिस्तानी प्रतिष्ठान के साथ ‘निकटता’ का संकेत देती है। शर्मा ने कहा कि पाकिस्तान यात्रा करने के बारे में उनकी (गोगोई) स्वीकारोक्ति ‘कुछ बहुत गंभीर’ चीज की ‘केवल शुरुआत’ है।
पाकिस्तानी प्रतिष्ठान के साथ कथित संबंधों के दावों को खारिज करते हुए गोगोई ने नयी दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह 12 साल पहले केवल एक बार पाकिस्तान गए थे।
शर्मा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आखिरकार, कांग्रेस सांसद श्री गौरव गोगोई ने स्वीकार कर लिया कि उन्होंने पाकिस्तान का दौरा किया था, लेकिन हम बहुत स्पष्ट हैं- यह केवल शुरुआत है, अंत नहीं। आगे जो होने वाला है वह कहीं अधिक गंभीर है। विश्वसनीय जानकारी और दस्तावेजों में निहित सूचना द्वारा समर्थित हर उचित आधार मौजूद है, जो यह संकेत देता है कि श्री गोगोई ने पाकिस्तानी प्रतिष्ठान के साथ ‘निकटता’ बनाए रखी है।’’
उन्होंने कहा कि असम सरकार पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रति प्रतिबद्ध है और विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा व्यापक जांच पूरी करने के बाद 10 सितंबर को सब कुछ सार्वजनिक कर दिया जाएगा।
शर्मा ने गोगोई को राज्य कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘असम और देश के लोग सच जानने के हकदार हैं, और उन्हें यह हक पूरी तरह से मिलेगा, लेकिन जानबूझकर हमारे देश के सार्वजनिक जीवन में ऐसे खतरनाक और समझौतावादी व्यक्ति को बढ़ावा देने के लिए लोग कांग्रेस पार्टी और श्री राहुल गांधी को न भूलेंगे और न ही माफ करेंगे।’’
कांग्रेस के 24, अकबर रोड स्थित कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में गोगोई ने पूछा कि यदि कोई गड़बड़ी हुई थी तो केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने पिछले 11 वर्षों में कार्रवाई क्यों नहीं की। उन्होंने दावा किया कि शर्मा कांग्रेस नेतृत्व के मन में उनकी विश्वसनीयता को लेकर संदेह पैदा करने के इरादे से ये आरोप लगा रहे थे, लेकिन उनकी मंशा को नाकाम कर दिया गया है।
गोगोई ने कहा, ‘‘आरोप लगाए जा रहे हैं और मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि राज्य के लोगों को गुमराह नहीं किया जा रहा है। करीब 14-15 साल पहले मेरी पत्नी, जो सार्वजनिक नीति के क्षेत्र की जानी-मानी विशेषज्ञ हैं, ने दक्षिण एशिया में जलवायु परिवर्तन पर केंद्रित एक अंतरराष्ट्रीय परियोजना पर काम किया था। वर्ष 2012-13 के आसपास भारत लौटने से पहले उन्होंने एक साल पाकिस्तान में बिताया था।’’
भाषा संतोष सुरेश
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