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शुक्रवार, 6 जून, 2025
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माकपा एक सप्ताह तक आतंकवाद के खिलाफ चलाएगी अभियान, जम्मू-कश्मीर भेजेगी प्रतिनिधिमंडल

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नयी दिल्ली, छह मई (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) जून में आतंकवाद के खिलाफ एक सप्ताह का अभियान चलाएगी और अगले सप्ताह अपने महासचिव एम ए बेबी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर भेजेगी। पार्टी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

वामपंथी दल ने यह भी कहा कि वह आपातकाल की घोषणा के 50 वर्ष पूरे होने पर ‘‘लोकतंत्र की रक्षा में’’ नामक कार्यक्रम आयोजित करेगा। उसने कहा कि इस अवसर का उपयोग ‘‘आपातकाल के दौरान आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) की संदिग्ध भूमिका को उजागर करने’’ के लिए किया जाएगा।

माकपा के मुताबिक ये निर्णय तीन से पांच जून तक राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित पार्टी की केंद्रीय समिति की बैठक में लिये गए।

वाम दल ने कहा कि 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले का इस्तेमाल कर ‘‘आतंकवाद, युद्धोन्माद और सांप्रदायिक नफरत फैलाने के प्रयासों’’ के खिलाफ उसकी केंद्रीय समिति ने जून में एक सप्ताह लंबा अभियान चलाने का फैसला किया है।

माकपा ने बताया कि बेबी के नेतृत्व में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल 10-11 जून को कश्मीर का दौरा करेगा।

माकपा की बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी महासचिव बेबी ने कहा कि केंद्रीय समिति ने पहलगाम आतंकवादी हमले में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित की और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर चुनावी लाभ के लिए हमले का ‘उपयोग’ करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री और भाजपा ने सैन्य अभियान का इस्तेमाल पक्षपातपूर्ण राजनीतिक उद्देश्यों के लिए करने की कोशिश की। बिहार और पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों से यह बात स्पष्ट रूप से सामने आई है।’’

उन्होंने कहा कि केंद्रीय समिति ने आतंकवादी हमले और उसके बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत सैन्य कार्रवाई के बाद संसद का विशेष सत्र बुलाने से सरकार के इनकार की भी निंदा की।

माकपा महासचिव ने सरकार की आतंकवाद के खिलाफ ‘नयी नीति’ पर सवाल उठाते हुए कहा कि पार्टी लगातार कहती रही है कि आतंकवाद पर अंकुश लगाने के लिए सैन्य कार्रवाई एकमात्र समाधान नहीं हो सकते।

बेबी ने कहा, ‘‘आतंकवाद से लड़ने के लिए कूटनीतिक, राजनीतिक और अन्य उपाय अपनाए जाने चाहिए। प्रधानमंत्री द्वारा घोषित नयी नीति इन सभी विकल्पों को समाप्त कर देता है। यह दृष्टिकोण केवल कट्टरपंथ को बढ़ावा देगा, सीमा के दोनों ओर चरमपंथी ताकतों को मजबूत करेगा और सांप्रदायिक विभाजन को और बढ़ाएगा।’’

माकपा नेता ने कहा कि सरकार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे पर स्पष्टीकरण देना चाहिए कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हाल में हुए सैन्य संघर्ष को रोकने के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाई।

उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत-पाकिस्तान संबंधों और कश्मीर समस्या के अंतरराष्ट्रीयकरण के विरोधी हैं।’’

बेबी ने कहा, ‘‘नरेन्द्र मोदी के तथाकथित सुरक्षा सिद्धांत के अनुसार एक नया मानक घोषित किया गया है, जिसके तहत यदि कहीं कोई आतंकवादी गतिविधि होती है, तो हम इसे पाकिस्तान द्वारा भारत पर हमला मानेंगे। इसका अभिप्राय है कि भारत-पाकिस्तान संबंध और संबंधों की प्रकृति आतंकवादियों के एक समूह द्वारा निर्धारित की जा सकती है।’’

वामपंथी पार्टी ने यह भी कहा कि वह फलस्तीन के गाजा में इजराइल के ‘नरसंहार’ के खिलाफ तत्काल विरोध प्रदर्शन आयोजित करेगी।

तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारत के लिए आंतरिक और बाह्य खतरों का हवाला देते हुए 1975 से 1977 तक 21 महीने की अवधि के लिए पूरे देश में आपातकाल की घोषणा की थी।

कार्यक्रमों के बारे में पूछे जाने पर बेबी ने कहा, ‘‘हम चर्चा करेंगे कि माकपा ने आपातकाल के खिलाफ कैसे लड़ाई लड़ी। वर्तमान केरल के मुख्यमंत्री (पिनराई विजयन) को उस दौरान शारीरिक रूप से काफी नुकसान पहुंचाया गया था, तब वह विधायक थे। उन्होंने केरल विधानसभा में अपनी खून से सनी शर्ट भी दिखाई थी।’’

बेबी ने कहा, ‘‘माकपा ने लोकतंत्र के लिए लड़ाई लड़ी। हम उस समय की याद दिलाएंगे। हम आरएसएस की संदिग्ध भूमिका को भी उजागर करेंगे।’’

उन्होंने दावा किया कि तत्कालीन आरएसएस प्रमुख बालासाहेब देवरस ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ एक गुप्त बैठक की थी।

भाषा धीरज सुरेश

सुरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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