नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोनोवायरस महामारी के मद्देनजर शेख मुजीबुर रहमान के जन्म शताब्दी समारोह ‘मुजीब वर्ष’ के असवर पर विडियों लिंक के जरिए बांग्लादेश को शुभकामनाएं देंगे.
बांग्लादेश के संस्थापक रहमान, जिन्हें ‘बंगबंधु’ या बंगाली राष्ट्रपिता के रूप में भी जाना जाता है, का जन्मशती समारोह मनाने के लिए एक साल लंबा चलने वाला कार्यक्रम मंगलवार को शुरू हो गया.
पहले समारोह को आधिकारिक तौर पर पीएम मोदी द्वारा शुरू किया जाना था. लेकिन कोरोनावायरस फैलने की आशंका के मद्देनजर ढाका द्वारा सभी विश्व नेताओं को दिए निमंत्रण वापस लेने के बाद उनकी यात्रा भी रद्द कर दी गई.
Tributes to Bangabandhu Sheikh Mujibur Rahman on his birth anniversary. He is remembered for his courage and indelible contribution to Bangladesh’s progress.
This evening, via video link, will address Bangabandhu’s 100th Birth Anniversary celebrations being held in Bangladesh. pic.twitter.com/uqAxL0h4F6
— Narendra Modi (@narendramodi) March 17, 2020
पीएम ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि. उन्हें बांग्लादेश की प्रगति में उनके साहस और अमिट योगदान के लिए याद किया जाता है. आज शाम, वीडियो लिंक के जरिए, बांग्लादेश में आयोजित होने वाली बंगबंधु की 100वीं जयंती समारोह को संबोधित करूंगा.’
मोदी के संदेश को बांग्लादेश सरकार द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में ‘जातिर पिता’ कहकर चलाया जाएगा. कुछ अन्य गणमान्य व्यक्ति जो समारोह में भाग लेने वाले थे, उनमें कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद थे. कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को भी बाद में समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था.
भारत-बांग्लादेश संबंध
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि भले ही प्रधानमंत्री केवल एक दिन के लिए बांग्लादेश जाने वाले थे, लेकिन ‘एजेंडा पूरा तैयार था’
शताब्दी समारोह भारत में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) को लेकर दो राष्ट्रों के बीच पैदा हुई दरार के ‘राह की ऊबड़-खाबड़ स्थिति‘ ठीक करने का अवसर था.
मोदी की यात्रा से पहले, बांग्लादेश ने सीएए-एनआरसी के मुद्दे के साथ-साथ दिल्ली में पिछले महीने हुए सांप्रदायिक दंगों पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन को देखा था.
बांग्लादेश ने सीएए-एनआरसी को लेकर को लेकर पैदा हुए विवाद के बाद कुछ उच्चस्तरीय यात्राएं भी रद्द की थीं. विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमिन और गृहमंत्री एसादुज़ामैन ख़ान ने दिसंबर में अपनी यात्राएं रद्द की थी. जबकि सीएए को जनवरी में नोटिफाइड किया गया.
इस महीने के शुरुआत में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला बांग्लादेश की यात्रा पर गए जहां उन्होंने सीएए-एनआरसी को लेकर भय को कम करने की कोशिश की.
श्रृंगला जो कि ढाका में भारत के उच्चायुक्त भी रहे, ने एनआरसी के प्रस्ताव के बाद बांग्लादेश की पहली उच्च अधिकारिक यात्रा की.
उन्होंने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और विदेश मंत्री मोमिन और विदेश सचिव मसूद बिन मोमिन के साथ भी बातचीत की.
एक सार्वजिनक आयोजन में बोलते हुए श्रृंगला ने कहा था कि एनआरसी में संशोधन ‘पूरी तरह भारत का आंतरिक मसला है. उन्होंने कहा था कि इसका बांग्लादेश की सरकार और लोगों पर कोई असर नहीं होगा. यह हमारा आश्वासन है.
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