नयी दिल्ली, 23 मार्च (भाषा) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी और कोरोना वायरस के नए स्वरूपों ने देश की स्वास्थ्य प्रणाली पर अभूतपूर्व दबाव डाला है।
उन्होंने कहा, “इसने (कोविड ने) स्वास्थ्य देखभाल अवसंरचना के सामने असाधारण चुनौतियां पेश की हैं।”
विश्व तपेदिक दिवस की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को शुरू करने में हमारे स्वास्थ्य कर्मियों के साथ केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयासों ने महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई को मजबूत किया।
कोविंद ने कहा, “मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि टीबी के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए 24 मार्च, 2022 को विश्व तपेदिक रोग दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन वर्ष 1882 में, डॉ रॉबर्ट कोच ने टीबी के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया की खोज करने की घोषणा की। जिससे इस घातक बीमारी का पता लगाने और इलाज का रास्ता साफ हुआ।”
राष्ट्रपति ने कहा, “कोविड-19 के प्रकोप और कोरोना वायरस के नए स्वरूपों के उभरने से देश की स्वास्थ्य प्रणाली पर अभूतपूर्व दबाव पड़ा है। इसने स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे के लिए एक असाधारण चुनौती पेश की है।”
उन्होंने कहा कि मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि महामारी के कारण कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम प्रभावी उपायों को लागू करने के लिए तत्पर था और बदले हुए हालात में देश भर में टीबी रोगियों की इलाज तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए इसे अनुकूल बनाया गया था।
कोविंद ने कहा, “मैं भारत टीबी रिपोर्ट 2022 को पेश किए जाने के लिए अपनी शुभकामनाएं देता हूं। मैं इस अवसर पर उन सभी ‘टीबी चैंपियनों’ को बधाई देता हूं जिन्होंने इस बीमारी से लड़ाई लड़ी है और दूसरों को रास्ता दिखा रहे हैं। आइए हम सभी मिलकर 2025 तक टीबी मुक्त भारत के लिए काम करें।”
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प्रशांत सुभाष
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