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Friday, 22 November, 2024
होमदेशभारत में कोविड वैक्सीन 15 अगस्त तक? मोदी सरकार का स्वतंत्रता दिवस का लक्ष्य देख आईसीएमआर ने ट्रायल को गति दी

भारत में कोविड वैक्सीन 15 अगस्त तक? मोदी सरकार का स्वतंत्रता दिवस का लक्ष्य देख आईसीएमआर ने ट्रायल को गति दी

आईसीएमआर ने क्लीनिकल ट्रायल के लिए चुने गए 13 संस्थानों को लिखा है कि वो सभी मंजूरी में तेज़ी लाए लेकिन प्रोटोकॉल और गाइडलाइंस में किसी तरह की कोताही पर आगाह भी किया.

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नई दिल्ली: देश में हेल्थ रिसर्च की सर्वोच्च संस्था भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन के लिए क्लीनिकल ट्रायल को फास्ट ट्रैक पर लाने का फैसला किया है. इसे भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) के साथ मिलकर तैयार किया जा रहा है.

आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव की तरफ से 2 जुलाई को लिखे गए पत्र के अनुसार, नरेंद्र मोदी सरकार 15 अगस्त तक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपयोग के लिए वैक्सीन लांच करने का लक्ष्य लेकर चल रही है. क्लीनिकल ट्रायल के लिए चयनित 13 संस्थानों को भेजे पत्र में कहा गया है, ‘सभी क्लीनिकल ट्रायल पूरे होने के बाद 15 अगस्त 2020 तक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपयोग के लिए वैक्सीन लांच करने की मंशा है.’

वैक्सीन के परीक्षण के लिए जिन संस्थानों को अनुमति दी गई है उनमें नई दिल्ली और बिहार स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), आंध्र प्रदेश का किंग जॉर्ज अस्पताल, रोहतक स्थित पंडित भगवत दयाल शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और हैदराबाद स्थित निजाम्स इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज शामिल हैं.

पत्र में आगे लिखा है, ‘बीबीआईएल निर्धारित लक्ष्य पूरा करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है. हालांकि, इस परियोजना में अंतिम नतीजा क्लीनिकल ट्रायल में शामिल सभी पक्षों के सहयोग पर निर्भर करेगा.’


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सर्वोच्च प्राथमिकता वाली परियोजना

पत्र में इंगित किया गया है, ‘वैक्सीन बीबीवी152 कोविड- ‘एक सर्वोच्च प्राथमिकता’ वाली परियोजना है जिसकी मोदी सरकार में शीर्ष स्तरों पर निगरानी की जा रही है’

वैक्सीन को पुणे के आईसीएमआर संचालित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी द्वारा आइसोलेट किए गए सार्स-कोव-2 के एक स्ट्रेन से लिया गया है. आईसीएमआर और बीबीआईएल संयुक्त रूप से वैक्सीन के प्रीक्लिनिकल के साथ क्लीनिकल डेवलपमेंट पर भी काम कर रहे हैं.

पत्र के मुताबिक, ‘कोविड-19 महामारी के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति और तत्काल वैक्सीन लांच करने की आवश्यकता को देखते हुए आपको सलाह दी जाती है कि क्लीनिकल ट्रायल शुरू करने संबंधी सभी स्वीकृतियों को फास्ट-ट्रैक करें और यह सुनिश्चित करें कि परीक्षण के लिए चयनित लोगों के नामांकन की प्रक्रिया में 7 जुलाई से ज्यादा देरी न हो.’

हालांकि, इसमें यह चेतावनी भी दी गई है कि निर्धारित प्रोटोकॉल और दिशानिर्देशों का पूरी तरह पालन किया जाए.

पत्र में कहा गया है, ‘कृपया ध्यान रखें कि इसका अनुपालन न करने को बहुत गंभीरता से लिया जाएगा. इसलिए आपको सलाह है कि इस परियोजना को सर्वोच्च प्राथमिकता दें और बिना किसी चूक के निर्धारित समयसीमा में पूरा करें.’

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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