नई दिल्ली: भारत में कोविड-19 के उपचाराधीन मामलों की संख्या बढ़कर 4,000 से अधिक हो गई है, जिसमें केरल सबसे अधिक प्रभावित राज्य बना हुआ है.
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली.
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, केरल के बाद महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली कोविड-19 से सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में शामिल हैं.
देश में पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीज़ों की संख्या 4,026 दर्ज की गई और संक्रमण से पांच मरीजों की मौत की सूचना है.
इस साल जनवरी के बाद से देश में कोविड-19 से अब तक 37 लोगों के मरने की सूचना है.
देश में 22 मई को उपचाराधीन मरीजों की संख्या 257 थी और 31 मई तक यह संख्या बढ़कर 3,395 हो गई और इसके बाद उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 4,026 हो गई.
वर्तमान में केरल में 1,446 उपचाराधीन मरीज हैं जो देश में सबसे अधिक है. इसके बाद महाराष्ट्र में 494, गुजरात में 397 और दिल्ली 393 उपचाराधीन मरीज़ हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, कोरोना वायरस के संक्रमण से पिछले 24 घंटे में केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में एक-एक मरीज की मौत हुई है और महाराष्ट्र में दो मरीजों के मरने की सूचना है.
आधिकारिक सूत्रों ने 31 मई को बताया था कि भारत में कोविड-19 की स्थिति की करीब से निगरानी की जा रही है. मंत्रालय ने जोर दिया कि संक्रमण की गंभीरता कम है और अधिकतर मरीज़ घर पर क्वारंटाइन में इलाज करा रहे हैं और चिंता की कोई बात नहीं है.
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने सोमवार को कहा कि पश्चिम और दक्षिण भारत में वायरस के नमूनों के जीनोम अनुक्रमण से पता चला है कि वर्तमान में वायरस के जिस स्वरूप के कारण मामलों में वृद्धि हुई है वह गंभीर नहीं है और यह वायरस के ‘ओमीक्रोन’ का नया स्वरूप है.
उन्होंने कहा कि वायरस के जिन चार नए स्वरूपों का पता चला है वह — एलएफ.7, एक्सएफजी, जेएन.1 और एनबी.1.8.1 हैं. ये सभी ओमीक्रोन स्वरूप से उत्पन्न हुए हैं. वायरस के एलएफ.7, एक्सएफजी, जेएन.1 स्वरूप से संक्रमण के मामले अधिक हैं.
डॉ. बहल ने कहा, ‘‘हम स्थिति पर करीब से नज़र रख रहे हैं. इस वक्त हमें निगरानी रखने के साथ ही सतर्कता बरतनी चाहिए. हालांकि, चिंता की कोई बात नहीं है.’’
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