गुवाहाटी/इंफाल: तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम से लौटे पांच सौ से ज्यादा लोग पूर्वोत्तर राज्यों में कोरोनावायरस को फैलाने में सुपर-स्प्रैडर साबित हो सकते हैं. यह मामला सामने आने के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई है. अकेले असम से ही चार सौ से ज्यादा लोग वहां गए थे.
पूर्वोत्तर इलाके के तमाम राज्यों से पांच सौ से ज्यादा लोग दिल्ली में आयोजित जलसे में शामिल हुए थे. अब ऐसे लोगों की तलाश खासकर असम और मणिपुर की सरकारों के लिए भारी सिरदर्द बन गया है. यह मामला सामने आने के बाद असम में कोरोना पीड़ितों की तादाद तेजी से बढ़ते हुए 16 तक पहुंच गई है. इसके अलावा मणिपुर में दो, अरुणाचल प्रदेश में एक और मिजोरम में एक मरीज की पुष्टि हुई है. तबलीगी जमात का मामला सामने आने तक पूर्वोत्तर में कोविड-19 का सिर्फ एक ही मरीज था.
पूर्वोत्तर का प्रवेशद्वार कहे जाने वाले असम पर कोरोना का खतरा सबसे गंभीर है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा बताते हैं, ‘केंद्र की ओर से भेजी सूची में कहा गया है कि असम के 456 लोग दिल्ली के उस आयोजन में शामिल थे. इनमें से 230 की शिनाख्त कर ली गई है और 196 लोगों के नमूने जांच के लिए भेज दिए गए हैं.’
मंत्री का कहना है कि 68 लोग अब तक राज्य में नहीं लौटे हैं. सरकार बाकी लोगों की तलाश कर रही है. उनके अलावा उन लोगों के परिजनों और संपर्क में आने वाले दूसरे लोगों का भी पता लगाया जा रहा है. इन सबको क्वारेंटाइन में भेजा जाएगा. सरमा के मुताबिक, अब तक राज्य में कोरोना के 16 मरीजों की पुष्टि हुई है जिनको विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
त्रिपुरा के शिक्षा मंत्री रतन लाल नाथ ने दिप्रिंट को बताया, ‘राज्य से 22 लोग उक्त आयोजन में शामिल हुए थे. उनमें से 15 की शिनाख्त कर उनकी जांच कराई गई है. लेकिन नतीजा निगेटिव आया है. सरकार बाकी सात लोगों का पता लगा रही है.’
इस बीच, मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कोरोना से निपटने और राहत सामग्री के लिए 233 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं. मुख्यमंत्री देब ने अपने एक ट्वीट में तब्लीगी जमात में शामिल होने वाले राज्य के लोगों से फौरन नज़दीकी अस्पतालों से संपर्क करने की अपील की है.
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मणिपुर के 14 लोग दिल्ली गए थे. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने दिल्ली से लौटने वाले लोगों को कोविड-19 की जांच कराने के लिए सामने आने की अपील की है. मुख्यमंत्री ने गुरुवार को बताया, ‘दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में आयोजित जमात में हिस्सा लेकर लौटने वाला 65 साल का एक व्यक्ति भी कोरोनावायरस से संक्रमित पाया गया है. मणिपुर जैसे छोटे राज्य के लिए यह गंभीर बात है. अब राज्य में कोरोना के मरीजों की तादाद बढ़ कर दो हो गई है.’
थाउबल जिले के रहने वाले उस व्यक्ति को राजधानी इंफाल स्थित रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में दाखिल कराया गया है. मणिपुर के पुलिस महानिदेशक एल.एम.खाउटे ने दिप्रिंट को बताया, ‘तीन लोगों की जांच कर ली गई है. बाकी 11 लोगों का पता लगाया जा रहा है. ऐसे लोगों को खुद अस्पताल या जिला प्रशासन से संपर्क करना चाहिए.’
उनका कहना है कि ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. मणिपुर में एक युवती कोरोना की पहली मरीज के तौर पर सामने आई थी. वह 21 मार्च को ब्रिटेन से लौटी थी.
मेघालय के सात लोग उस आयोजन में शामिल हुए थे. लेकिन वे अब तक लौटे नहीं हैं. राज्य के सहायक पुलिस महानिरीक्षक जी.के. लांगराई बताते हैं, ‘उन सात में से पांच लोग अभी दिल्ली में ही हैं जबकि बाकी दो लोग लखनऊ में. वहां संबंधित प्रशासन को उनके बारे में जानकारी दे दी गई है.’
मिजोरम में अब तक एक ही मामला सामने आया है. लेकिन वह व्यक्ति 16 मार्च को अमस्टर्डम से दिल्ली और गुवाहाटी होकर राजधानी आइजल लौटा था. अब अरुणाचल प्रदेश में भी पहले मरीज की पुष्टि हो गई है. 31 साल का वह व्यक्ति तबलीगी जमात में हिस्सा लेने के बाद यहां लौटा था. अब उसके घरवालों के भी नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं.
संक्रामक बीमारियों पर निगरानी के लिए चलने वाले कार्यक्रम के राज्य निगरानी अधिकारी एल. जाम्पा कहते हैं, ‘नामसाई जिले के छह अन्य लोग भी दिल्ली के आयोजन में शामिल थे. लेकिन जांच में उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है.’ जाम्पा ने बताया कि राज्य में 58 लोगों के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं. उनमें से बुधवार तक 38 की रिपोर्ट निगेटिव आई है. बाकी नतीजे अब तक नहीं मिले हैं. लोहित जिले के पुलिस अधीक्षक वांग्दी थुंगन कहते हैं, ‘जिस मरीज में कोरोना की पुष्टि हुई है पुलिस उसके संपर्क में आने वाले तमाम लोगों की तलाश कर रही है.’
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असम के स्वास्थ्य व वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा कहते हैं कि पूर्वोत्तर भारत में अब तक कोरोना के मरीजों की तादाद देश के दूसरे हिस्सों के मुकाबले बहुत कम है. लेकिन इस वायरस को फैलने से रोकना एक बड़ी चुनौती है. वह कहते हैं कि मरीजों की तादाद कम होने की वजह से हम संतुष्ट होकर नहीं बैठ सकते. सरकार ने गुवाहाटी के एक स्टेडियम में सात सौ बिस्तरों वाला क्वारेंटाइन केंद्र बनाया है. इसके अलावा वेंटिलेटर समेत दूसरे सुरक्षा उपकरणों का भी इंतजाम किया जा रहा है. गौहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल समेत चार मेडिकल कॉलेजों में भी क्वारेंटाइन केंद्र बनाने का काम चल रहा है. वहां कोरोना से पीड़ित मरीजों के इलाज की भी व्यवस्था की जा रही है.
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं)