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Friday, 22 November, 2024
होमदेशकोरोनावायरस के फैलाव के तरीके में कोई बदलाव नहीं, 5 प्रतिशत से कम को होगी वेंटिलेटर की जरुरत : स्वास्थ्य मंत्रालय

कोरोनावायरस के फैलाव के तरीके में कोई बदलाव नहीं, 5 प्रतिशत से कम को होगी वेंटिलेटर की जरुरत : स्वास्थ्य मंत्रालय

स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि भारत में कोविड-19 के मामले में जिन 20 प्रतिशत लोगों को गंभीर समस्या की आशंका है उनमें से 5 प्रतिशत को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ सकती है.

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नई दिल्ली: कोरोनावायरस महामारी पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत में इस बीमारी के फैलने का पैटर्न अलग नहीं है और ये वैश्विक पैर्टन के जैसा ही है. साथ ही ये दावा भी किया गया कि यहां ज़्यादातर लोगों को वेंटिलेटर की ज़रूरत नहीं पड़ेगी.

स्वास्थ्य मंत्रालय के उप सचिव लव अग्रवाल से पूछे जाने पर क्या अन्य देशों की तुलना में भारत में इस वायरस के फैलने के तरीके में कोई अंतर हैं और देश में कितने लोग वेंटिलेटर पर हैं. इसके जवाब में अग्रवाल ने कहा, ‘भारत में भी वायरस उसी तरह से फैल रहा है जैसे अन्य देशों में फैल रहा है.’

अग्रवाल ने कहा कि कोविड- 19 इंफेक्शन से होना वाली बीमारी है और भारत में भी इसका वही ढर्रा है जो दुनिया के अन्य देशों में है. उन्होंने ये भी कहा कि भारत में 80 प्रतिशत लोगों को गंभीर समस्या नहीं होने की संभावना है. जिन 20 प्रतिशत लोगों को गंभीर समस्या की आशंका है उनमें से 5 प्रतिशत लोगों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ सकती है.

हालांकि, अग्रवाल ने सीधा जवाब नहीं दिया कि भारत में अभी कितने लोग वेंटिलेटर पर हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि कुल 328 नए मामले सामने आए हैं और अबतक 50 लोगों की कोविड-19 से मौत हो गई है. इनमें 12 लोगों को अपनी जान पिछले 24 घंटे में गंवानी पड़ी.

उन्होंने कहा कि राहत की बात है कि 151 लोग रिकवर हुए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि तबलीगी जमात से जुड़े लोगों के संपर्क में आने वालों पूरी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जा रही है. नई जानकारी देते हुई उन्होंने कहा कि किडनी की बीमारी से जुझ रहे लोगों में कोविड- 19 के मामले में कोमॉर्बिड कंडिशन पाई गई है.

उन्होंने कहा, ‘किडनी के ऐसे मरीज़ जिन्हें डाइलिसिस लेनी होती है उनके लिए हमने स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर इससे जुड़ी गाइडलाइन दी है. डाइडलाइन में बताया गया है उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं. हिंदू राव हॉस्पिटल में पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) नहीं होने की वजह से चार डॉक्टरों के इस्तीफे से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत जनवरी महीने से ही इस पर काम कर रहा है.

उन्होंने दावा किया कि 1.5 करोड़ से ज़्यादा पीपीई का ऑर्डर दिया गया है जिनकी सप्लाई भी शुरू हो गई. एक डर ये भी जताया जा रहा है क्या सब्ज़ी और किराने से लाए गए सामान से भी कोरोना हो सकता है. इस पर उन्होंने कहा कि आम तौर पर भी साफ़ सफ़ाई के लिहाज से सब्ज़ी या सामान लाकर उसको धो लेना और साफ़ कर लेना चाहिए.

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