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Thursday, 21 November, 2024
होमदेशकोविड-19 के एक दिन में 75 नए मामले, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिया 30 हजार वेंटिलेटर बनाने का ऑर्डर

कोविड-19 के एक दिन में 75 नए मामले, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिया 30 हजार वेंटिलेटर बनाने का ऑर्डर

केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेशों से कहा गया है कि लॉकडाउन के मद्देनजर वे प्रवासी कामगारों के लिए आश्रय और भोजन की व्यवस्था करें .

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नई दिल्ली: पिछले 24 घंटे में कोरोनावायरस से संक्रमण के देश में 75 नए मामले सामने आए हैं . स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी लव अग्रवाल ने आज मीडिया से बातचीत में बताया कि अब तक देश में 724 मामले कोविड संक्रमितों के सामने आ चुके हैं जिसमें 17 लोगों की मौत भी हुई है. अग्रवाल ने मामले की संजीदगी को देखते हुए कहा कि हमने पीएसयू को 10,000 वेंटिलेटर का ऑर्डर दिया है जबकि हम भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड से 30,000 अतिरिक्त एक से दो महीने में खरीदने की बात कही है.

केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेशों से कहा गया है कि लॉकडाउन के मद्देनजर वे प्रवासी कामगारों के लिए आश्रय और भोजन की व्यवस्था करें . कैबिनेट सचिव ने राज्यों से कहा है कि वे सुनिश्चित करें कि विदेश से लौटे सभी यात्रियों की निगरानी की जाए .स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पतालों में ओपीडी बंद होने के संदर्भ में कहा, ‘हमने टेली-मेडिसिन सुविधा के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, मरीजों से अनुरोध है कि वे उसका लाभ उठाएं.’

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, हमें सावधान रहना होगा, लॉकडाउन और सामाजिक मेलजोल में कमी को शिद्दत से अपनाना होगा, क्योंकि अगर एक भी व्यक्ति कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन नहीं करता है तो हमारे सभी प्रयास मिट्टी में मिल जाएंगे .


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ताज़ा जानकारी देते हुए लव अग्रवाल के अलावा आईसीएमआर के आर गंगा केतकर ने बताया कि पहले हमारी संख्या कम थी लेकिन अब हम डब्ल्यूएचओ द्वारा शुरू की जा रही एकजुटता परीक्षण में जल्द ही अपनी भागीदारी शुरू करने जा रहे हैं. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि अन्य देशों की तुलना में भारत ने थर्ड स्टेज को देर तक रोके रखा है. साथ ही उन्होंने स्थिति को देखते हुए सभी लोगों से लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन करने को कहा है.

हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि जिन लोगों की मौत हुई है वो उम्रदराज़ थे और उन्हें पहले से मधुमेह जैसी अन्य बीमारियां भी थीं. लॉकडाउन पर बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘सरकार तेज़ी से काम कर रही है. कोशिश ये है कि ट्रांसमिशन फैलने से रोकने के लिए पूरी ताकत लगा दी जाए.’

अग्रवाल ने जानकारी दी कि स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने राज्यों से कहा है कि लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन करवाएं लेकिन साथ ही ध्यान रखें कि लोगों तक सामान पहुंचने में कोई दिक्कत मत हो. जिन राज्यों ने अभी तक कोरोना के लिए अलग से हॉस्पिटल नहीं बनाया उसने जल्द ऐसा करने को कहा गया है.

राज्यों को टेस्टिंग किट और एन- 95 मास्क की व्यवस्था करने को भी कहा गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इन चीज़ों को सरल बनाने के लिए कई मंत्रालयों को साथ लाया गया है.

सभी हॉस्पिटलों में ओपीडी बंद होने की स्थिति में लोगों के लिए विकल्प पर बात करते हुए अग्रवाल ने कहा कि टेलिमेडिसिन के जरिए लॉकडाउन के दौरान स्वास्थ्य सुविधा बढ़ाने की कोशिश है. पहली पंक्ती में खड़े होकर देश की सेवा कर रहे एएनएम, आशा वर्कर और आंगनवाड़ी वालों को भी स्वास्थ्य मंत्रालय ऑनलाइन ट्रेनिंग देने का काम कर रहा है.

अग्रवाल ने ये जानकारी भी दी कि टेलिकॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश के डॉक्टरों को क्लिनिकल मैनेजमेंट की ट्रेनिंग देने का काम आईसीएमआर कर रहे हैं. बृहस्पतिवार को की गई आर्थिक पैकेज की घोषणा का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘सभी स्वास्थ्य कर्मियों को 50 लाख का बीमा दिया गया है. इसमें 22 लाख़ लोगों को कवर मिलेगा.’

उन्होंने कहा कि ये देश भर में लागू है और इसे पीएम के गरीब कल्याण योजना के तहत दिया जा रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि लॉकडाउन की वजह से 1.4 लाख़ कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की इज़ाजत दी है. उन्होंने हर नागरिक से लॉकडाउन के समर्थन की अपील की.

एक सावल के जवाब में उन्होंने जानकारी दी कि 17 राज्यों नेे कोविड- 19 से जुड़े अलग हॉस्पिटल या ब्लॉक बनाने का काम शुरू कर दिया हैै. अन्य राज्य इस ओर कदम बढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘हमने टेलिमेडिसिन गाइइलाइन जारी की है जिसमें डॉक्टर घर बैठे लोगों का इलाज कर सकते हैं.’

कुछ जगहों से कोरोना के ज़्यादा मामलों के आने से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘जिन जगहों से ज़्यादा मामले सामने आते हैं वहां ‘कॉन्टेनमेंट एरिया’ की पहचान की जाती है. यहां एक टीम जाती है और घर में सर्वे कर सांस की बीमारी का पता लगाया जाता है. मिली जानकारी के मुताबिक डीएम के नेतृत्व में मामले को उस इलाके में ही रोकने की कोशिश करते हैं.’

डब्ल्यूएचओ के ताज़ा और सख़्त निर्देशों से जुड़े सवाल के जवाब में  उन्होंने कहा, ‘लॉकडाउन एक विकल्प है. बाकी के विकल्प टेस्ट करना, बीमार लोगों को अलग करना और उनका इलाज करना है. हम इसके लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कर रहे हैं. साथ ही टेस्टिंग किट, आइसोलेसन बेड, वेंटिलेटर का भी इंतज़ाम कर रहे हैं.’

उन्होंने ये भी कहा कि सबको लगातार सर्तक रहना होगा. साथ ही ये जानकारी भी दी कि लॉकडाउन के फ़ायदे के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी और इस लड़ाई में जीत मिलने में देर लगेगी.

अन्य राज्यों के लोगों के तमाम नेशनल हाइवे पर भूखे-प्यासे भटकने की जो ख़बरें आ रही हैं उसके बारे में जानकारी दी गई कि बीमारी को फ़ैलने से रोकने के लिए लोगों का मूवमेंट रोका गया है. मज़दूरों का जो मूवमेंट जारी है उसके लिए राज्यों को ध्यान देने को कहा गया है.जो जहां है वहीं उसके रहने, खाने की व्यवस्था हो.


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इसके लिए जगह की पहचान, एनजीओ और सीएसआर की भी मदद ले सकते हैं. राज्यों से पीडीएस को भी दुरुस्त करने को कहा गया है. महिलाओं, और हॉस्टल में रहने वालों का विशेष ध्यान देने और होटलों को दुरुस्त रखने को कहा गया है. ज़रूरी सामान की कमी से मत जूझना पड़े इसके लिए गृहमंत्री ने कार्गो मूवमेंट के भी आदेश दे दिए हैं.

प्राइवेट एयरलाइन्स ने भटकते मज़दूरों को उनके घर पहुंचाने का प्रस्ताव दिया है. इससे जुड़े एक सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय ने कहा कि लॉकडाउन का उद्देश्य है कि जो जहां है वहीं रहे. ऐसे में प्राइवेट एयरलाइन्स को मज़दूरों को घर पहुंचाने की इजाज़त नहीं होगी.

आईसीएमआर के केतकर ने कहा, ‘हम दवा पर काम कर रहे हैं. लैबोरेट्री में अगर हमारा प्रयोग सफ़ल होता है तो इसे आगे ले जाया जाएगा. वैक्सीन के मामले में हमने डीबीटी को ज़िम्मा दिया है.’ साथ ही हमारी इस पर नज़र है कि दुनिया भर में कौन से वैज्ञानिक समूह दवा बनाने का काम कर रहे हैं. हालांकि, उन्होंने साफ़ किया कि किसी तरह की वैक्सीन के जल्द आने की कोई संभावान नहीं है.

उन्होंने कहा कि विश्व में पांच दवाएं जानवरों पर ट्रायल के स्टेज में हैं. ये सफल होते हैं तो इन्हें भारत में लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि देसी डायगनोस्टिक बनाने का भी काम भी जापी हैं. उन्होंने कहा, ‘हम हर देश सेे टेस्ट किट लाने की कोशिश कर रहे हैं. चीन के पास दुनिया भर की डिमांड है ऐसे में उनके लिए मुश्किल हो रही है.’

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