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Friday, 20 September, 2024
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अदालतों को नीतिगत मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए : न्यायालय

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नयी दिल्ली,17 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि अदालतों को तब तक नीतिगत मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, जब तक कि यह स्पष्ट रूप से भेदभावपूर्ण और मनमाना ना हो।

न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी.आर. गवई की पीठ ने कहा कि यदि यह दिखे कि नीति को लागू करने में स्पष्टता रखी गई है तो अदालतों को नीतिगत मुद्दों की राह में नहीं आना चाहिए ।

न्यायालय ने कहा कि अदालतों को नीतिगत मामलों में हस्तक्षेप करने से तब तक दूर रहना चाहिए, जब तक कि नीति भेदभावपूर्ण और मनमाना नहीं पाई जाती है।

शीर्ष न्यायालय राजस्थान उच्च न्यायालय की खंडपीठ के फैसले के खिलाफ सुनवाई कर रहा है।

खंड पीठ ने राजस्थान उच्च न्यायालय की वह याचिका स्वीकार कर ली थी जिसके जरिए एकल पीठ के एक आदेश को चुनौती दी गई थी। एकल पीठ ने राज्य को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन योजना के तहत राजस्थान के बजाय अन्य राज्यों में काम करने वाले आवेदकों को बोनस अंक देने का निर्देश दिया था।

भाषा

सुभाष नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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