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गुरूवार, 3 जुलाई, 2025
होमदेशअगर निविदा प्रक्रिया सद्भावनापूर्ण है तो सामान्य रूप से अदालतें हस्तक्षेप नहीं करेंगी: न्यायालय

अगर निविदा प्रक्रिया सद्भावनापूर्ण है तो सामान्य रूप से अदालतें हस्तक्षेप नहीं करेंगी: न्यायालय

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नयी दिल्ली, 22 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि अगर निविदाओं की छानबीन ‘सद्भावनापूर्ण तरीके’ से की गयी है तो अदालतें सामान्य रूप से इसकी प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करेंगी।

शीर्ष अदालत ने मुंबई में दूषित जल शोधन संयंत्रों की स्थापना के लिए एक कंपनी को काम देने के खिलाफ रियल इस्टेट और निर्माण कंपनी शापूरजी पल्लोनजी एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड की अंतरिम याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की।

शापूरजी पल्लोनजी (एसपी) समूह की कंपनी ने आरोप लगाया कि नगर निगम द्वारा जलमल शोधन संयंत्र लगाने के लिए जिस कंपनी को ठेका दिया गया है वह अनेक आधार पर अपात्र है।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने नगर निगम के वकील की दलीलों का संज्ञान लिया कि एसटीपी लगाने के लिए ठेके देने में ‘दुर्भावना’ के आरोपों में कोई सचाई नहीं है।

पीठ ने ठेका देने के खिलाफ कंपनी की याचिका खारिज करते हुए कहा, ‘‘सद्भावनापूर्ण तरीके से तकनीकी निविदाओं की छानबीन की गयी।’’

उसने कहा, ‘‘सामान्य तौर पर, जब ठेके सद्भावनापूर्ण तरीके से दिये जाते हैं तो अदालतें ऐसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगी।’’

भाषा

वैभव मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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