मुंबई, 28 जनवरी (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फड़णवीस ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय के उस फैसले का स्वागत किया जिसमें उसने भाजपा के 12 विधायकों के महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबन को ‘असंवैधानिक’ और ‘तर्कहीन’ करार दिया है।
महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष फड़णवीस ने कहा कि शीर्ष अदालत का फैसला शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार की ”असंवैधानिक, अनैतिक, अनुचित, अवैध और अलोकतांत्रिक कार्रवाई” को लेकर उसके चेहरे पर ”एक और जोरदार तमांचा” है।
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा के 12 विधायकों को जुलाई 2021 के शेष सत्र की अवधि के बाद निलंबित करने का प्रस्ताव ”असंवैधानिक” और ”तर्कहीन” है। शीर्ष अदालत ने 12 विधायकों की याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया, जिन्होंने राज्य विधानसभा से एक साल के निलंबन को चुनौती दी थी।
विधायकों को अध्यक्ष के कक्ष में पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप में पिछले साल 5 जुलाई को विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था।
फड़णवीस ने शीर्ष अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया करते हुए ट्वीट किया,, ”सत्यमेव जयते। मॉनसून सत्र के दौरान महाराष्ट्र विधानसभा में ओबीसी के लिए लड़ने वाले हमारे 12 विधायकों के निलंबन को रद्द करने के उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले का स्वागत करते हैं और अदालत का आभार व्यक्त करते हैं।”
निलंबित किए गए 12 विधायकों में संजय कुटे, आशीष शेलार, अभिमन्यु पवार, गिरीश महाजन, अतुल भातखलकर, पराग अलवानी, हरीश पिंपले, योगेश सागर, जय कुमार रावत, नारायण कुचे, राम सतपुते और बंटी भांगड़िया शामिल हैं।
फड़णवीस ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले से लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा होगी और यह असंवैधानिक, अनैतिक, अनुचित, अवैध और अलोकतांत्रिक कार्यों और गतिविधियों के लिए एमवीए सरकार के चेहरे पर एक और जोरदार तमांचा है।
भाषा
जोहेब शाहिद
शाहिद
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