नयी दिल्ली, 11 जुलाई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कहा कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर उच्चतम न्यायालय की टिप्पणियां विपक्षी दलों के लिए ‘‘करारा जवाब’’ है।
भाजपा ने इस कवायद का विरोध करने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी तथा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव से ‘‘सार्वजनिक माफीनामे’’ की मांग की।
उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को निर्वाचन आयोग को बिहार में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण जारी रखने की अनुमति देते हुए इसे ‘‘संवैधानिक दायित्व’’ बताया था।
शीर्ष अदालत ने कहा था कि बिहार में एसआईआर के दौरान आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड पर दस्तावेज के तौर पर विचार किया जा सकता है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय की टिप्पणियों से यह स्पष्ट हो गया है कि एसआईआर मतदान में पारदर्शिता और निष्पक्षता लाने की एक प्रक्रिया है।
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के लिए विशेष अभियान शुरू करना संवैधानिक दृष्टि से निर्वाचन आयोग के अधिकार क्षेत्र में आता है।
भाजपा नेता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव के लिए करारा जवाब है।’’
उन्होंने मांग की कि यादव और गांधी उच्चतम न्यायालय की टिप्पणियों का संज्ञान लेते हुए “भारत और बिहार के लोगों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगें।’’
उन्होंने पूछा, ‘‘क्या तेजस्वी यादव उच्चतम न्यायालय के फैसले (टिप्पणियों) को स्वीकार करेंगे या नहीं?’’
भाटिया ने गांधी से पूछा कि वह बताएं कि उच्चतम न्यायालय में मामले की सुनवाई से एक दिन पहले वह पटना की सड़कों पर प्रदर्शन क्यों कर रहे थे।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इससे स्पष्ट होता है कि इन नेताओं को उच्चतम न्यायालय पर कोई भरोसा नहीं है।’’
भाटिया ने यादव और गांधी दोनों से ‘‘आत्मचिंतन’’ करने को कहा। उन्होंने कहा, “लोग उन दलों और नेताओं को करारा जवाब देते रहेंगे, जिनका संविधान और संवैधानिक संस्थाओं पर कोई विश्वास नहीं है।”
भाजपा नेता ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और दावा किया कि कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर पार्टी में अंदरूनी खींचतान चल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में लोग कांग्रेस सरकार से तंग आ चुके हैं, लेकिन मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार खुश हैं।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक में लोग सुशासन चाहते हैं, लेकिन ये दोनों नेता केवल सत्ता का सुख भोगना चाहते हैं।
उन्होंने सिद्धरमैया और शिवकुमार का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘कर्नाटक के लोग आज पूछ रहे हैं कि उनका ध्यान कौन रखेगा? एक नेता (मुख्यमंत्री की) कुर्सी पर बने रहना चाहता है, जबकि दूसरा नेता उसे (उनसे) छीनना चाहता है।’’
भाटिया ने कहा, ‘‘कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी जिस तरह की गंदी राजनीति कर रही है, उससे राज्य की जनता त्रस्त है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।’’
भाषा
देवेंद्र सुरेश
सुरेश
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