नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्व राजनयिक लक्ष्मी मुर्देश्वर पुरी द्वारा तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले के खिलाफ दायर मानहानि मामले में बृहस्पतिवार को उनसे विवाद को सुलझाने का आग्रह किया और कहा कि ‘‘अदालतें पहले से (मुकदमों का) अत्यधिक बोझ झेल रही हैं।’’
न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल और न्यायमूर्ति हरीश वैद्यनाथन शंकर की पीठ ने इस बात पर गौर किया कि गोखले ने माफी मांगी थी जिसे पुरी ने स्वीकार कर लिया था। पीठ ने मामले को सुलझाने के लिए एक बैठक का प्रस्ताव रखा।
पीठ ने कहा, ‘‘ आप सार्वजनिक जीवन में हैं, प्रतिष्ठित सार्वजनिक हस्तियां हैं। क्या दोनों पक्ष एक साथ बैठकर विवाद सुलझाने की कोशिश कर सकते हैं। कृपया ध्यान रखें कि अदालतें पहले से ही अत्यधिक बोझ झेल रही हैं।’’
अदालत गोखले की एकल न्यायाधीश के एक जुलाई 2024 के फैसले के खिलाफ अपील पर विचार कर रही थी, जिसमें तृणमूल नेता पर पुरी के खिलाफ सोशल मीडिया या किसी भी ऑनलाइन मंच पर आगे कोई सामग्री प्रकाशित करने पर रोक लगाई गई थी।
एकल न्यायाधीश ने गोखले को पुरी से माफी मांगने और 50 लाख रुपये का हर्जाना देने का निर्देश दिया था।
पीठ ने बृहस्पतिवार को कहा कि माफ़ी के अलावा, भुगतान के संबंध में संपत्ति भी कुर्क की गई है।
पीठ ने कहा, ‘‘कुर्की जारी रहेगी।’’
पुरी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह और गोखले की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अमित सिब्बल ने पीठ से कहा कि वे अपने मुवक्किलों से बात करेंगे और समाधान संबंधी अदालत के प्रस्ताव पर विचार करेंगे।
भाषा शोभना पवनेश
पवनेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.