scorecardresearch
Monday, 18 November, 2024
होमदेशन्यायालय ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ जांच सीबीआई को स्थानांतरित की

न्यायालय ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ जांच सीबीआई को स्थानांतरित की

Text Size:

नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ कदाचार और भ्रष्टाचार के आरोपों पर विभिन्न मामलों की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित कर दी।

न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि इस मामले की जांच किसे करनी चाहिए, इस पर सत्ता के शीर्ष स्तर के बीच एक बहुत ही अस्पष्ट स्थिति जारी है।

पीठ ने कहा, ‘‘न्याय के सिद्धांत को आगे बढ़ाने के मद्देनजर जांच सीबीआई को स्थानांतरित करने की आवश्यकता है। हम यह नहीं कह रहे हैं कि अपीलकर्ता (सिंह) व्हिसल-ब्लोअर हैं या इस मामले में शामिल कोई भी व्यक्ति दूध से धुला है।’’

पीठ ने सिंह का निलंबन रद्द करने से भी इनकार कर दिया और कहा कि भविष्य की सभी प्राथमिकी भी सीबीआई को स्थानांतरित की जाएंगी। शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्य पुलिस में लोगों का विश्वास फिर से बहाल करने के लिए गहन जांच की जरूरत है।

पीठ ने कहा, ‘‘हम इस दलील को स्वीकार करने में असमर्थ हैं कि याचिकाकर्ता के खिलाफ शिकायत करने वालों द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। हमारा विचार है कि राज्य को ही सीबीआई को जांच करने की अनुमति देनी चाहिए थी।’’

पीठ ने कहा, ‘‘प्रथमदृष्टया हमारा विचार है कि कुछ मामलों में सीबीआई द्वारा जांच की आवश्यकता है। सच्चाई क्या है, किसकी गलती है, इस तरह का परिदृश्य कैसे बना, इसकी जरूर जांच होनी चाहिए। सीबीआई को इन सभी पहलुओं की निष्पक्ष जांच करनी चाहिए।’’

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह आरोपों के गुण-दोष पर टिप्पणी नहीं कर रही है क्योंकि वह नहीं चाहती कि जांच किसी भी तरह से प्रभावित हो।

पीठ ने कहा, ‘‘हम नहीं चाहते कि जांच इस अदालत की टिप्पणी से प्रभावित हो। (बंबई) उच्च न्यायालय ने इसे एक सेवा विवाद के रूप में माना है, जो यह नहीं है और इस प्रकार हम उच्च न्यायालय का फैसला खारिज करते हैं। हम अपील की अनुमति देते हैं और निर्देश देते हैं कि पांच प्राथमिकियों की जांच सभी रिकॉर्ड के साथ सीबीआई को स्थानांतरित की जाए।’’

पीठ ने कहा, ‘‘इस तरह के स्थानांतरण को एक सप्ताह के भीतर पूरा किया जाना है और सभी अधिकारी सच्चाई तक पहुंचने के लिए सीबीआई को पूरा सहयोग देंगे।’’

सिंह जबरन वसूली, भ्रष्टाचार और कदाचार के कई मामलों का सामना कर रहे हैं, और उन्हें एंटीलिया बम मामले को कथित रूप से सही तरीके से संभाल नहीं पाने के लिए मुंबई पुलिस प्रमुख के पद से हटा दिया गया था।

शीर्ष अदालत ने सिंह को 22 नवंबर को एक बड़ी राहत दी थी, जब उसने महाराष्ट्र पुलिस को उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों में उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दिया था। न्यायालय ने हैरानी जतायी थी कि अगर उन्हें पुलिस अधिकारियों और जबरन वसूली करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए परेशान किया जा रहा है ‘‘तो किसी आम आदमी का क्या होगा।’’

महाराष्ट्र पुलिस ने पूर्व में शीर्ष अदालत को बताया था कि सिंह को कानून के तहत ‘‘व्हिसल-ब्लोअर’’ नहीं माना जा सकता है क्योंकि उन्होंने राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने का फैसला तब किया जब उनका तबादला हो गया।

इससे पहले, बंबई उच्च न्यायालय ने सिंह की एक याचिका खारिज कर दी थी। इस याचिका में महाराष्ट्र सरकार द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गई जांच रद्द करने का अनुरोध किया गया था। उच्च न्यायालय ने इसे सेवा का मामला मानते हुए कहा था कि सिंह केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण से संपर्क कर सकते हैं।

भाषा आशीष अनूप

अनूप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments