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सोमवार, 16 जून, 2025
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न्यायालय पश्चिम बंगाल के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति के लिए खोज समिति गठित करेगा

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नयी दिल्ली, 15 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह पश्चिम बंगाल के 13 सरकारी विश्वविद्यालयों में कुलपतियों के नाम के लिए अंतिम सूची बनाने और उनकी नियुक्ति के लिए एक खोज समिति गठित करेगा। न्यायालय ने राज्यपाल, राज्य सरकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से समिति के लिए तीन से पांच नाम सुझाने को कहा है।

शीर्ष अदालत कलकत्ता उच्च न्यायालय के 28 जून के आदेश के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया था कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल द्वारा बतौर कुलाधिपति राज्य के 11 विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति के आदेश में कुछ भी अवैध नहीं है।

राज्य के विश्वविद्यालयों में नियुक्ति को लेकर ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार और राज्यपाल सी वी आनंद बोस के बीच तीखी खींचतान हो रही है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने इस तथ्य पर गौर किया कि कुलपतियों की नियुक्ति पर राज्य सरकार का विधेयक राज्यपाल की मंजूरी के लिए लंबित है। पीठ ने कहा वह एक खोज समिति बनाएगी।

राज्यपाल की ओर से पेश हुए वकील सुभाशीष भौमिक ने कहा, ‘‘अदालत ने राज्यपाल कार्यालय, राज्य सरकार और यूजीसी को 25 सितंबर तक खोज समिति के लिए तीन से पांच नाम पीठ के विचारार्थ देने का निर्देश दिया है।’’

अदालत इस याचिका पर अब 27 सितंबर को सुनवाई करेगी।

इससे पूर्व, उच्च न्यायालय ने कहा था कि कुलपतियों को नियुक्त करने की शक्ति कुलाधिपति के पास है क्योंकि यह प्रासंगिक अधिनियमों के अनुरूप है।

उच्च न्यायालय का रुख करने वाले याचिकाकर्ता सनत कुमार घोष और पश्चिम बंगाल सरकार ने दावा किया कि राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति के आदेश अवैध थे क्योंकि ऐसी नियुक्तियां करने से पहले राज्यपाल बोस द्वारा उच्च शिक्षा विभाग से परामर्श नहीं किया गया था।

भाषा आशीष पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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