नयी दिल्ली, 29 जनवरी (भाषा) पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले उच्चतम न्यायालय उन लोगों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए एक जनहित याचिका को सुनवाई के वास्ते सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए सहमत हो गया है, जिनके खिलाफ गंभीर अपराधों में आरोप तय किए जा चुके हैं।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रमण के नेतृत्व वाली पीठ ने याचिकाकर्ता वकील और भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय से कहा कि वह जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई के उनके आग्रह पर विचार करेगी, जिसे सितंबर 2020 में दायर किए जाने के बाद एक बार भी सूचीबद्ध नहीं किया गया है।
उपाध्याय उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में 10 फरवरी से सात मार्च के बीच सात चरणों में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर जनहित याचिका पर सुनवाई का आग्रह रहे हैं।
हाल ही में, शीर्ष अदालत ने उपाध्याय की एक अन्य जनहित याचिका पर केंद्र और निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा था, जिसमें चुनाव से पहले तर्कहीन ढंग से चीजें मुफ्त देने का वादा करने या वितरित करने वाले राजनीतिक दल के चुनाव चिह्न को जब्त करने या पंजीकरण रद्द करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है।
याचिका में कहा गया है कि 2019 में लोकसभा चुनाव के 539 विजेताओं में से 233 (43 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने की जानकारी दी थी।
भाषा नेत्रपाल पवनेश
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